हिंदू धर्म में ध्रुव तारा का बड़ा महत्व बताया गया है और इसे उत्तर सितारा के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह उत्तर दिशा में इंगित होता है। आइए जानते हैं कि शादी में दूल्हा-दुल्हन को क्यों ध्रुव तारा दिखाया जाता है-
जब विवाह संपन्न होने पर आता है, तो वर-वधू को ध्रुव तारा दिखाया जाता है जिससे उनके जीवन में स्थिरता बनी रहें।
सात फेरे होने के बाद ध्रुव तारा इसलिए दिखाया जाता है, क्योंकि इससे वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।
ध्रुव तारे को ही शुक्र का तारा भी कहा गया है और शुक्र भौतिक जीवन का सुखमय जीवन का दाता है।
ऐसा माना जाता है कि जिस प्रकार आकाश में ध्रुव तारा स्थिर होता है वैसे ही वर-वधू के जीवन में प्रेम भी स्थिरता बनी रहे।
ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने आकाश में नजर आने वाले ध्रुव तारा को ही पहला तारा माना था।
शादी के समय में दूल्हा-दुल्हन को ध्रुव तारा इसलिए दिखाया जाता है जिससे उनके रिश्ते में खुशहाली बनी रहें।
इन वजहों से शादी में दूल्हा-दुल्हन को ध्रुव तारा दिखाया जाता है। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM