होलिका दहन के दिन उबटन लगाने की परंपरा काफी पुरानी है, जिसके कई धार्मिक, सांस्कृतिक और स्वास्थ्य संबंधी कारण है। आइए जानते हैं कि होलिका दहन के दिन उबटन क्यों लगाया जाता है-
ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन के दिन उबटन लगाने से शरीर की नकारात्मक ऊर्जा और बुराइयां दूर होती है।
उबटन को न केवल सुंदरता का कारक माना जाता है बल्कि इसका संबंध ग्रहों से भी है। इसे लगाने से त्वचा स्वस्थ रहती है और ग्रहों के दुष्प्रभाव भी दूर होते हैं।
होलिका दहन के दिन लोग सुबह के समय उबटन लगाते हैं और शरीर से उतारे उबटन या मैल को होलिका की अग्नि में डालते हैं।
होलिका के दिन उबटन लगाने से आत्मा की शुद्धि का प्रतीक है। साथ ही, इसे विशेष रूप से होलिका वाले दिन लगाया जाता है।
सरसों का उबटन लगाने से शनि के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं, क्योंकि सरसों के तेल का संबंध शनि ग्रह से माना गया है।
जिन लोगों के कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है तो उन लोगों को सरसों का उबटन लगाने से राहत मिलता है।
इन कारणों से होलिका दहन के दिन उबटन लगाया जाता है। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM