नवजात शिशु सोते समय अलग-अलग प्रकिया करते हैं, लेकिन नींद में मुस्कुराना बहुत आम बात है। बच्चे की मुस्कान खुशी जैसी किसी अच्छी भावना का प्रतीक माना जाता है। आइए जानते हैं कि नवजात शिशु सोते हुए क्यों मुस्कुराते हैं
इसे रैपिड आई मूवमेंट (REM) नींद के नाम से जानते हैं। यह नींद की वह अवस्था है, जिसमें सबसे ज़्यादा सपने आते हैं।
बच्चे दिन में 16-18 सोते हैं। उनके सोने या उठने का कोई समय नहीं होता है, इसलिए नवजात शिशु आरईएम नींद का अनुभव करते हैं।
नींद से जागने के बाद बच्चे के आस-पास जो कुछ भी होता है, उनके दिमाग में सब रिकॉर्ड हो जाता है। वह नींद के दौरान दोहराता है और मुस्कुराता है।
बच्चे जब नींद में होते हैं, तब अक्सर गैस पास करते हैं। इससे उन्हें आराम मिलता है। वह अच्छा फील करते हैं और मुस्कुराते हैं।
घर के बड़ो का कहना है कि बच्चे सोते समय पूर्व जन्म की बातें याद करते हुए हंसता है। लेकिन, यह एक वहम की बाते हैं, वह लोग जो सपना देखते हैं, तभी मुस्कुराते हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि 4 माह की उम्र पार करने के बाद ही शिशु मुस्कुरा सकता है। लेकिन, यह देखा गया कि मात्र 17 दिन का बच्चा भी रोने के साथ-साथ मुस्कुरा सकता है।
इस समय में बच्चों में मानसिक और भावनात्मक विकास काफी तेजी से होता है। इसी वजह से सोते जागते समय शिशु इस प्रकार का व्यवहार करता है।
इन कारणों से नव जात शिशु सोते हुए मुस्कुराते हैं। हेल्थ से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहे NAIDUNIA.COM