आज के दौर में दुनियाभर में साउथ फिल्म इंडस्ट्री ने एक अलग ही पहचान बना ली है। लोग आजकल ज्यादातर साउथ फिल्में देखना पसंद करते है आइये जानते हैं ऐसा क्यों हो रहा है।
साउथ की 99 प्रतिशत फिल्में परंपरा, संस्कृति की जिंदगी से जुड़ी हुई सच्चाई पर बनी हुई होती है, जो समाज को अच्छी सोच और संस्कार देने का कार्य करती है।
साउथ की फिल्में कम बजट में तैयार की जाती है और कमाई बजट से अधिक करती है, क्योंकि फिल्मों को एक अलग स्तर पर तैयार किया जाता है।
दक्षिण भारत की ज्यादातर फिल्में सामाजिक परंपरा, भाषा और गांव की साधारण जिंदगी वाली कहानियों पर आधारित होती है, जिसे लोग खूब पसंद करते हैं।
साउथ की फिल्मों को देखने से पता चलता है, कि ये फिल्में मन की बात को बेहतर ढंग से पर्दे पर दिखाती है।
साउथ की कहानियों में और किरदारों में उस सच को सीधे तौर पर देख पाते हैं, जो जीवन की सच्चाई से जुड़ी होती है।
साउथ इंडियन फिल्मों में हर कलाकार को कला की अहमियत पता होती है और कलाकार अपने उस किरदार में खुद को जिंदा करने की कोशिश करते हैं।
साउथ की फिल्मों में यह देखने को मिलती है कि उनकी कहानियों में छोटे-छोटे मुद्दे को दमदार तरीके से सामाजिक स्तर पर उठाया जाता है।
साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की सभी फिल्मों को परिवार के हर छोटे-बड़े सदस्य के साथ बैठकर देखा जा सकता है।