दोपहर के समय मंदिर जाने से क्या होता है?


By Shivansh Shekhar29, Mar 2024 12:30 PMnaidunia.com

मंदिर का कपाट

अक्सर दोपहर के समय में मंदिर का कपाट बंद कर दिया जाता है। दरअसल, सनातन धर्म में दोपहर के समय में मंदिर जाना सही नहीं माना गया है।

किस समय उत्तम?

ऐसी धार्मिक मान्यता है कि देवी देवताओं की पूजा के लिए सबसे ज्यादा शुभ समय सुबह और शाम माना गया है, जिस समय भगवान जागे रहते हैं।

क्यों होता है मना?

ऐसी मान्यता होती है कि दिन में और रात के समय में भूत प्रेत, पितृ और अतृप्त शक्तियां भगवान के दर्शन के लिए मंदिर में मौजूद रहते हैं।

ईश्वर की प्रार्थना

दोपहर के समय में अदृश्य शक्तियां प्रेत योनि से मुक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं, इसलिए इस समय जाना सही नहीं माना जाता है।

आलस से भरा समय

वहीं, दूसरा कारण यही है कि दोपहर का समय आलस से भरा हुआ होता है। ऐसे में इस समय पूजा पाठ में पूरी तरह से मन नहीं लग पाता है।

भगवान के शयन का समय

इसके अलावा दोपहर में मंदिर के कपाट बंद करने का मुख्य कारण ये है कि यह समय भगवान के शयन के लिए होता है। ऐसे में इस समय पूजा नहीं हो पाता है।

निद्रा में बाधा

ऐसे में यह धार्मिक मान्यता है कि इस समय यानी दोपहर में मंदिर जाने से देवी देवताओं की निद्रा बाधा होती है। ऐसे में इस समय मंदिर नहीं जाएं।

डिसक्लेमर

इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।

धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ

धन प्राप्ति के लिए इन 5 नियमों का करें पालन