अक्सर दोपहर के समय में मंदिर का कपाट बंद कर दिया जाता है। दरअसल, सनातन धर्म में दोपहर के समय में मंदिर जाना सही नहीं माना गया है।
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि देवी देवताओं की पूजा के लिए सबसे ज्यादा शुभ समय सुबह और शाम माना गया है, जिस समय भगवान जागे रहते हैं।
ऐसी मान्यता होती है कि दिन में और रात के समय में भूत प्रेत, पितृ और अतृप्त शक्तियां भगवान के दर्शन के लिए मंदिर में मौजूद रहते हैं।
दोपहर के समय में अदृश्य शक्तियां प्रेत योनि से मुक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं, इसलिए इस समय जाना सही नहीं माना जाता है।
वहीं, दूसरा कारण यही है कि दोपहर का समय आलस से भरा हुआ होता है। ऐसे में इस समय पूजा पाठ में पूरी तरह से मन नहीं लग पाता है।
इसके अलावा दोपहर में मंदिर के कपाट बंद करने का मुख्य कारण ये है कि यह समय भगवान के शयन के लिए होता है। ऐसे में इस समय पूजा नहीं हो पाता है।
ऐसे में यह धार्मिक मान्यता है कि इस समय यानी दोपहर में मंदिर जाने से देवी देवताओं की निद्रा बाधा होती है। ऐसे में इस समय मंदिर नहीं जाएं।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।