जल्द ही सावन महीने की शुरुआत होने जा रही है। इस महीने देवों के देव महादेव की पूजा अर्चना की जाती है। यह काफी लाभदायक महीना भी होता है।
वैसे तो हर सोमवार बाबा भोलेनाथ को समर्पित है, लेकिन सावन में पड़ने वाला सोमवार काफी ज्यादा फलदाई होता है। यह दिन काफी शुभ होता है।
भक्त काफी श्रद्धा मन से भगवान शिव की पूजा करते हैं और फल मांगते हैं। उस दौरान शिव जी पर उनके पसंद का भोग भी लगाते हैं।
कई लोग शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ प्रसाद ग्रहण कर लेते हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि शिवलिंग का प्रसाद ग्रहण करना चाहिए या नहीं?
धार्मिक ग्रंथों के हिसाब से भगवान शिव की मूर्ति और शिवलिंग के पूजा का अलग रूल्स होते हैं। दोनों के भोग के भी अलग नियम बनाए गए हैं।
कई मंदिरों में भगवान को भोग लगाने के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद बांटा जाता है। लेकिन शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए।
ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग पर चढ़ाया गया भोग चंडेश्वर का हिस्सा है। भूत प्रेतों के प्रमुख चंडेश्वर महादेव के मुख से प्रकट हुए थे, यही कारण है कि भोग लगाने की मनाही होती है।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।