हर घर में पूजा के लिए एक अलग स्थान होता है, वहां लोग बैठकर ध्यान लगाते हैं और शांति महसूस करते हैं। आइए जानते हैं कि मंदिर में लाल रंग का कम उपयोग क्यों करना चाहिए-
लाल रंग ऊर्जा और जोश का प्रतीक माना जाता है यह गुस्सा, गर्मी और बेचैनी को बढ़ाता है। पूजा करते समय मन का शांत रहना जरूरी है।
अगर मंदिर में लाल कपड़ा, लाल बलब या लाल धागा है तो वहां बैठते गी मन में बेचैनी बढ़ जाती है।
नारियल पर लाल धागा बांधकर रखना, लाल बल्ब लगाना या लाल आसन बिछाना आम बात लगती है, लेकिन लाल रंग आग का प्रतीक है। साथ ही, इसका असर बहुत गहरा होता है।
मंदिर में सफेद, हल्का नीला और पीला रंग होना चाहिए, जो मन को शांति दें और इससे किसी प्रकार की बेचैनी न हों।
मंदिर में इस रंग का प्रयोग करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है और इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
लेख में दी गई सभी जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।
इन कारणों से मंदिर में लाल रंग का कम उपयोग करना चाहिए। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM