दशरथ राघव किस वजह से कहलाएं श्रीराम? जानें


By Prakhar Pandey22, Jan 2024 08:51 PMnaidunia.com

दशरथ पुत्र

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही पूरे देश में जश्न का माहौल है। अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र श्री राम के नाम से जुड़ा रोचक ये किस्सा जानते है आप?

पवित्र ग्रंथों

भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित पवित्र ग्रंथों में भगवान ने अहम भूमिका निभाई है। रामचरित मानस में भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक का जिक्र पाया जाता है।

रामायण

रामायण में भगवान श्रीराम के महाप्रयाण के बारे में जानकारी मिलती है। आइए जानते है पुरुषों में सबसे उत्तम मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामलला का नामकरण उनके जन्म के पश्चात कब हुआ था।

वाल्मीकि रामायण

भगवान राम ने चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को कर्क लग्न के पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे थे। 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु सातवां होता है। इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह बृहस्पति माना गया है। उनके जन्म के समय ग्रहों की स्थिति शुभ थी।

नामकरण

जन्म के बाद श्रीराम का नाम दशरथ राघव रख गया था। बाद में गुरु महर्षि वशिष्ठ ने उनका नामकरण किया था। विष्णु जी का 394वां नाम राम है। विष्णु जी के इस नाम का उल्लेख श्री विष्णु सहस्त्रनाम में भी मिलता है।

सभी भाइयों का नामकरण

महर्षि वशिष्ठ ने भगवान राम के अलावा उनके भाइयों का भी नामकरण किया था। भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण का नाम भी पता चलता है।

दो बीजाणु

गुरु महर्षि वशिष्ठ के अनुसार, राम शब्द दो बीजाणु से मिलकर बना है। पहला अग्नि और दूसरा अमृत बीज। इस नाम का अर्थ प्रकाश विशेष से है।

राम का अर्थ

धार्मिक ग्रंथों में, प्रभु श्रीराम के नाम का बहुत ही खास अर्थ का उल्लेख मिलता है। रा का अर्थ प्रकाश और म का अर्थ विशेष होता है।

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