दक्षिण दिशा चार मुख्य दिशाओं में से एक हैं। आइए जानते हैं कि आखिर इस दिशा को हिंदू धर्म में क्यों अशुभ माना जाता हैं।
दक्षिण की दिशा को यम देवता और पितरों की दिशा मानी जाती हैं। हिंदू धर्म में इस दिशा की तरफ का घर लेना या इस दिशा में रहकर कोई शुभ काम करना बेहद अशुभ माना जाता हैं।
दक्षिण मुखी प्लॉट या मकान खरीदने अशुभ माना जाता हैं। ऐसा माना जाता हैं कि इस दिशा वाले घर में रहने से जिंदगी में समस्याएं लगातार आती रहती हैं।
धरती गुरुत्वाकर्षण बल पर टिकी हैं। पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती हैं और इस धुरी के दो छोर उत्तर और दक्षिण हैं। दक्षिण मैग्नेटिक क्षेत्र होता हैं।
धुरी के चुंबकीय प्रभाव के चलते ब्लड फ्लो प्रभावित होता हैं और शरीर में दर्द, शरीर का कांपना, कमर दर्द आदि परेशानियां होती हैं।
दक्षिण की दिशा में घर होना यम के गुणों के प्रभाव को बढ़ाता हैं। इस दिशा में मकान होना बेहद खराब माना जाता हैं। हालांकि कुछ उपायों के साथ आप इस दिशा के घर में भी रह सकते हैं।
दक्षिण दिशा में सबसे ज्यादा देर तक सूर्य रहता हैं जिसके कारण मकान का आगे का हिस्सा हमेशा बेहद गरम रहता हैं। इस दिशा में घर होने से सेहत पर भी नकारात्मक असर पड़ता हैं।
तिजोरी का दरवाजा कभी भी दक्षिण की दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से आपकी तिजोरी में कभी भी धन नहीं टिकेगा। तिजोरी को उत्तर दिशा में रखना बेहद शुभ होता हैं।