पूजा के दौरान आसन पर बैठकर पूजा करने का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं पूजा के दौरान आसन पर बैठना क्यों जरूर होता हैं।
हिंदू धर्म में पूजा पाठ के नियमों का पालन करने का खास महत्व होता है। पूजा के समय आपका तन और मन दोनों ही पवित्र होना चाहिए।
जमीन में बैठकर पूजा करने से पाठ का फल नही मिलता है। ऐसे में पूजा के दौरान आसन पर बैठना बेहद जरूरी होता है।
पूजा से जुड़े नियमों का पालन करने से पाठ और पूजा दोनों का ही पूरे फल मिलता है। जमीन पर सीधा बैठने के बजाय चटाई और आसन पर बैठना चाहिए।
पूजा के समय चटाई या आसन पर बैठना देवी-देवता के प्रति सम्मान का प्रतीक होता है। मान्याता के मुताबिक, पूजा के समय भगवान के प्रति सम्मान दिखाने के लिए आसन पर बैठना बेहद जरूरी होता हैं।
आसन पर बैठकर पूजा करना स्वच्छता और पवित्रता का प्रतीक होता है। व्यक्ति को अनुष्ठान के दौरान आध्यात्मिक और शारीरिक स्वच्छता के लिए आसन पर जरूर बैठना चाहिए।
पूजा के समय आसन या चटाई पर बैठने से हिंदू परंपरा और भारत की आध्यात्मिक विरासत से जुड़े रहने का एक बेहतरीन तरीका होता हैं। सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में भी मदद मिलती है।
आसन पर बैठन भले ही एक पुरानी परंपरा रही हो। लेकिन इससे शरीर को भी आराम मिलता है। खासतौर पर लंबे अनुष्ठान में बैठने के लिए आसन बेहद जरूरी होता है।