सिंदूर लगाने की प्रथा हिन्दू धर्म में बहुत समय से चली आ रही है और इसका उल्लेख रामायण काल में मिलता है।
मान्यताओं के अनुसार, यदि पत्नी के बीच मांग सिंदूर लगा हुआ है तो उसके पति की अकाल मृत्यु नहीं हो सकती है।
हिंदू धर्म में नवरात्र और दीवाली जैसे महत्वपूर्ण त्योहार के दौरान पति के द्वारा अपनी पत्नी की मांग में सिंदूर लगाना काफी शुभ माना जाता है।
बताया जाता है सिंदूर लगाने से माता पार्वती अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद देती हैं।
माता लक्ष्मी के सम्मान का प्रतीक भी सिंदूर माना जाता है और माता को सिंदूर बहुत प्रिय है। माता लक्ष्मी की पूजा में सिंदूर का ही प्रयोग किया जाता है।
सिंदूर में पारा धातु पाया जाता है, जिससे शरीर पर लगाने से विधुत ऊर्जा नियंत्रण होती है। इससे नकारात्मक शक्ति दूर रहती है।
विज्ञान के अनुसार सिंदूर लगाने से सिर में दर्द, अनिद्रा और अन्य मस्तिष्क से जुड़े रोग भी दूर होते हैं।
सिंदूर में पारा होने से चेहरे पर जल्दी झुर्रियां भी नहीं पड़तीं यानी सिंदूर लगाने से महिलाओं के चेहरे पर बढ़ती उम्र के संकेत जल्दी नहीं दिखते हैं।