ममता की प्रतीक माता यशोदा की जंयती 12 फरवरी को है। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को संतान की दीर्घायु प्राप्त होती है। बच्चों पर कभी संकट नहीं आता।
इस दिन घर व मंदिरों में कन्याओं को भोजन कराने से सुख-समृद्धि मिलती है। मांगलिक कार्य पूर्ण होते हैं।
यशोदा जयंती पर सुबह स्नान कर साफ वस्त्र पहनकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर पूजा करनी चाहिए।
माता यशोदा को लाल चुनरी ओढ़ाने के बाद रोली, कुमकुम, फूल, तुलसी, धूप, दीप से पूजा करने का नियम है। कन्हैया और यशोदा को पान, केले, माखन का भोग लगाएं।
धार्मिक मान्यता है कि यशोदा जयंती के दिन माता यशोदा और कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करने से श्रीकृष्ण स्वयं साधक की संतान की रक्षा करते हैं।