Arrest Warrant Against Putin: अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया है। रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर यह वारंट जारी किया गया है। ताजा खबर यह है कि गिरफ्तारी वारंट पर रूस की प्रतिक्रिया भी आई है। रूस ने गिरफ्तारी वारंट की तुलना टॉयलेट पेपर से की है।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट का कानूनी दृष्टिकोण से कोई अर्थ नहीं है, क्योंकि रूस 2016 में ही आईसीसी संधि से हट गया था।
जानिए क्या लिखा है पुतिन के गिरफ्तारी वारंट में
यह वारंट यूक्रेन में युद्ध अपराधों और यूक्रेनी बच्चों को अगवा कर रूस ले जाने के मामलों में जारी हुआ है। न्यायालय ने कहा है कि यूक्रेन में जिस तरह की अमानवीय घटनाएं हुई हैं उनके लिए पुतिन जिम्मेदार हैं। बच्चों के अपहरण मामले में न्यायालय ने रूस की बाल अधिकार मामलों की आयुक्त मारिया एलेक्सयेवना के खिलाफ भी वारंट जारी किया है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के इस निर्णय की रूस ने निंदा की है तो यूक्रेन ने इसका स्वागत किया है। रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय का हमारे देश से कोई मतलब नहीं है। इस निर्णय का न कोई कानूनी आधार है और न ही वैधता है।
दूसरी तरफ, अमेरिका, कनाडा, पोलैंड और चेक रिपब्लिक समेत कई अन्य देशों ने भी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। पुतिन दुनिया के तीसरे ऐसे राष्ट्रपति हैं जिनके पद पर रहने के दौरान गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी हुआ है। उनसे पहले अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने सूडान के राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर और लीबिया के राष्ट्रपति मुअम्मर गद्दाफी की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था।
इस वारंट के जारी होने का मतलब यह है कि अब अगर पुतिन न्यायालय को मान्यता देने वाले किसी भी देश की यात्रा करते हैं तो उन्हें वहां पर गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्हें हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जा सकता है।
Posted By: Arvind Dubey
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