चीन ने अपने अंतरिक्ष यान Chang-E5 को सफलता पूर्व चांद की सतह पर उतरने के बाद वहां से चंद्रमा की खूबसूरत तस्वीरें भेजना शुरू कर दिया है। चीन के चांग ई-5 मून मिशन ने चांद की सतह से पहली रंगीन तस्वीर भेजी है। चीन के इस मून लैंडर ने अपनी निचली सतह से लेकर सामने दिखाई दे रहे क्षितिज तक की एक खूबसूरत फोटो ली है। इसके अलावा मून लैंडर ने चांद की सतह से नमूने इकट्ठा करने का काम शुरू कर दिया है। इसे रिटर्न मॉड्यूल तक पहुंचाने की शुरुआत आज से की जा सकती है। Chang-E5 के लैंडर में कैमरा, ड्रिल मशीन, स्पेक्ट्रोमीटर जैसे उपकरण लगाए गए हैं, जो चांद के सतह पर खुदाई कर रहे हैं। गौरतलब है कि चांद पर इस अंतरिक्ष यान को ऐसी जगह पर उतारा गया है, जहां ज्वालामुखी वाली पहाड़ी है। इस जगह से चांद की चट्टानों के नमूने लिए जाएंगे।
3 अरब साल पुरानी है चंद्रमा की चट्टानें
चांद पर जो लैंडर भेजा गया है, उसमें 2 किलो तक के पत्थर इकट्ठा करने की क्षमता है। इन नमूनों को लैंडर एक ऑर्बिटिंग मिशन तक पहुंचाएगा, जो इसे धरती तक भेजेगा। गौरतलब है कि Chang-E5 से पहले सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान लूना-24 ने भी चांद की सतह से करीब 200 ग्राम मिट्टी संग्रहित कर धरती पर भेजी थी। चंद्रमा से इकट्ठा किए गए अब तक से सभी नमूने करीब तीन अरब साल पुराने हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अभी जो चांद के नमूनों को इकट्ठा किया जा रहा है, वे 1.2 से 1.3 अरब साल पुराने होंगे। इससे चांद के भूवैज्ञानिक इतिहास के बारे में अधिक जानकारी मिल सकेगी।
चीन ने नहीं दिखाया लाइव टेलिकॉस्ट
चीन ने Chang-E5 यान के प्रक्षेपण का टीवी चैनलों पर लाइव कवरेज दिखाया था, लेकिन लैंडिंग के वक्त कोई भी प्रसारण नहीं किया है। लैंडिंग के वक्त चांद पर जो तस्वीरें ली गई, सिर्फ उन्हें ही चैनल पर दिखाया गया है। चीन की इस सफलता पर अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने भी चीन को बधाई दी है। नासा की वरिष्ठ अधिकारी डॉक्टर थॉमस जरबुचेन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांद पर शोध करने वालों को भी पृथ्वी पर भेजे जाने वाले नमूनों का विश्लेषण करने का अवसर मिलेगा।
8.2 टन का है चीनी यान Chang-E5
चीन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अंतरिक्ष यान Chang-E5 का वजन 8.2-टन है, जो 24 नवंबर को वेनचांग अंतरिक्ष स्टेशन से छोड़ा गया था। Chang-E5 से पहले चीन ने दो और मून मिशन भेजे थे, साल 2013 में चांग ई-3 और 2019 में चांग ई-4 मून मिशन। इन दोनों में एक लैंडर के साथ-साथ एक छोटा मून रोवर भी भेजा गया था।
Posted By: Sandeep Chourey
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