Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। भारत के पड़ोसी मुल्क को अब कर्ज की सख्त आवश्यकता है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से कर्ज की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
ताजा खबर यह है कि IMF के अधिकारियों से मुलाकात के बाद शाहबाज शरीफ और पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। IMF ऑफिस से बाहर आते हुए खुद शाहबाज शरीफ ने कहा, IMF ने कर्ज देने के बदले पाकिस्तान पर कुछ ऐसी शर्तों की बात कही है, जिनके बारे में हमने सोचा भी नहीं है।
पाकिस्तान को अब भारी पड़ रही मुफ्त की रेवड़ियां
चुनावों के दौरान वोटरों को लुभाने के लिए पाकिस्तान में राजनीतिक दल मुफ्त की रेवड़ियों की घोषणा करते हैं। यही मुफ्तखोरी अब भारी पड़ रही है।
IMF ने शाहबाज शरीफ से यही कहा है कि वे अपने देश में मुफ्तखोरी बंद करें। सरकारी कर्मचारियों को दी जा रही गैरजरूरी सुविधाएं बंद की जाए। बिजली और पानी पर दी जा रही सब्सिडी भी बंद की जाए।
बता दें, पाकिस्तान में 300 यूनिट तक खपत वाले परिवारों को पूरी तरह मुफ्त बिजली दी जा रही है। आईएमएफ का कहना है कि सरकार अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने वाले इस तरह के फैसले वापस लिए जाएं।
पाकिस्तान में पावर सेक्टर की नाकामी सरकार को बहुत भारी पड़ रही है। यही कारण है कि पिछले दिनों पूरे देश में बिजली संकट गहरा गया था। इसी तरह सस्ता पेट्रोल-डीजल भी अर्थव्यवस्था को चोट पहुंच रहा है।
IMF ने चार दिन से इस्लामाबाद में चली आ रही बैठक में पाकिस्तान के सामने यही शर्त रही है कि वो मुफ्तखोरी बंद करे, बिजली और पेट्रोलियम उत्पादों पर दी जा रही सब्सिडी कम करे, तभी वह लोन दे सकता है।
18 दिन बाद पाकिस्तान बर्बाद
पाकिस्तान के पास सिर्फ 18 दिन का विदेशी मुद्रा भंडार बचा है। यदि इन 18 दिनों में पाकिस्तान को कर्ज नहीं मिला तो वह बर्बाद हो जाएगा।
Posted By: Arvind Dubey