तीसरे विश्व युद्ध से पहले ही मंगल ग्रह पर इंसान के लिए बस्तियां बन जाएंगी। मार्स सोसाइटी की वर्चुअल मीटिंग में यह बात स्पेसएक्स कंपनी के संस्थापक एलन मस्क ने कही। उन्होंने कहा कि साल 2026 तक हमारा लक्ष्य इंसानों को मंगल ग्रह पर उतारना है। लेकिन यह लक्ष्य कुछ लोगों को मंगल ग्रह तक पहुंचाना नहीं बल्कि स्वत: संचालित शहर बसाना होना चाहिए। इसके साथ ही यह परीक्षण करना भी जरूरी है कि अगर किसी कारणवश पृथ्वी से सप्लाई बंद हो जाए तो क्या मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती खत्म हो जाएगी? यदि परीक्षण में ऐसा पाया जाता है तो हम एक सुरक्षित स्थान पर नहीं है।
तीसरा विश्वयुद्ध हुआ तो इंसानों का मंगल ग्रह पर पहुंचना हो जाएगा मुश्किल
उन्होंने आगे कहा, मैं आशा करता हूं कि कभी तीसरा विश्वयुद्ध न हो। लेकिन अगर ऐसा हो गया तो मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजना और भी कठिन हो जाएगा। इसलिए विश्वयुद्ध से पहले मंगल ग्रह पर एक स्वत: संचालित शहर बसाने का प्रयास करना चाहिए। लेकिन अगर यह संभव नहीं हो पाया और हमने जल्द से जल्द इंसानों को मंगल ग्रह पर नहीं भेजा तो मानवता के अस्तित्व पर संकट आ सकता है।
10 लाख लोगों को मंगल ग्रह पर बसाने का है लक्ष्य
एलन मस्क कहने हैं कि वर्तमान परिस्थितियों को देख यह कहना गलत नहीं होगा कि इंसानी सभ्यता भीषण युद्ध, महाविनाशक ज्वालामुखी विस्फोट या उल्कापिंड का हमला नहीं झेल पाएगी। अभी हम जर्जर नजर आ रहे हैं। एलन मस्क ने कहा कि हमारा लक्ष्य मंगल ग्रह तक पहुंचना ही नहीं है बल्कि एक स्वत: संचालित शहर बसाना होना चाहिए। गौरतलब है कि एलन मस्क का इरादा 10 लाख लोगों को मंगल ग्रह पर बसाने का है, इसके लिए वह स्पेसएक्स द्वारा तैयार की गई एक हजार स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट की मदद लेंगे।
Posted By: Sandeep Chourey
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