Karte Parwan Gurdwara Attack। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आतंकवादियों ने आज एक बार फिर Karte Parwan Gurdwara पर हमला किया है। इस हमले में कई सिख धर्मावलंबियों के मारे जाने की आशंका है। आपको बता दें कि काबुल के इस ख्यात Karte Parwan Gurdwara पर पहले भी आतंकी हमले हो चुके हैं और कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकी लगातार इसे निशाने पर ले रहे हैं। Karte Parwan Gurdwara पर कुछ सशस्त्र आतंकियों ने आतंकियों ने 5 अक्टूबर 2021 को भी हमला किया था और गुरुद्वारे के इंटीरियर को बुरी तरह नष्ट कर दिया था। तब हथियारबंद आतंकियों ने गुरुद्वारे के फर्नीचर, दीवार और खिड़कियों को नुकसान पहुंचाया था। साथ ही गुरुद्वारे में लगे सभी CCTV कैमरे भी तोड़ दिए थे।
Very sad news Gurdwara Karte Parwan Kabul is attacked by two suicide bombers of Daish group this morning. Approximately 16 sikh members are in Gurdwara sahib. Heavy fire seen. I am in touch with Gurnam singh president & other afghan sikhs in #kabul @MEAIndia @AmitShah pic.twitter.com/ZFzAk5G4pz
— @vikramsahney (@vikramsahney) June 18, 2022
अफगानिस्तान का प्रसिद्ध गुरुद्वारा है Karte Parwan
Karte Parwan Gurdwara अफगानिस्तान के सबसे विख्यात गुरुद्वारों में से एक है। सोवियत-अफगान युद्ध के पहले अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हजारों सिख परिवार रहते थे, लेकिन अफगानिस्तान में गृह युद्ध छिड़ने के बाद कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकियों ने लगातार सिखों और गुरुद्वारों को निशाना बनाया। 1980 और 1990 के दशक में अफगानिस्तान में रहने वाले कई सिखों ने भारत और पाकिस्तान में शरण ली।
Terrifying visuals from Gurdwara Karte Parwan in Kabul, Afghanistan which was attacked by terrorists early morning today.
Multiple blasts reported at Gurdwara Sahib premises.
Praying for peace and safety for all in Gurdwara Sahib 🙏🏻@thetribunechd @ANI @PTI_News @TimesNow pic.twitter.com/tF3n5wgrMl
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) June 18, 2022
अफगानिस्तान में 16वीं सदी में पहुंचा था सिख धर्म
सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने 16वीं शताब्दी के शुरू में अफगानिस्तान की यात्रा की थी और यहां सिख धर्म की नींव रखी थी। सिखों के 7 वें गुरु गुरु हर राय जी ने भी काबुल में सिख प्रचारकों को भेजा था, लेकिन इस्लामिक आतंकवाद बढ़ने के बाद आज 99 प्रतिशत हिंदू तथा सिखों ने अफगानिस्तान को छोड़ दिया है। गृह युद्ध के बाद अफगानिस्तान में सिखों की आबादी काफी घट गई है। एक अनुमान के मुताबिक अब अफगानिस्तान में सिर्फ 3000 से 5000 के बीच सिख बचे हैं।
Posted By: Sandeep Chourey
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