अमेरिका में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बात यदि आर्थिक मोर्चे को लेकर की जाए तो खासकर इस मामले में अमेरिका का बुरा हाल है। एक ही सप्‍ताह के भीतर यहां के दो जाने माने बैंक दिवालिये घोषित हो गए हैं। इससे देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर असर पड़ने की संभावना है। सिलिकान वैली बैंक के बाद न्यूयार्क स्थित सिग्नेचर बैंक भी दिवालिया हो गया है। एक सप्ताह के अंदर अमेरिका में यह दूसरा बैंक है, जिसका परिचालन नियामकों को बंद करना पड़ा है। अमेरिका के वित्त मंत्रालय और अन्य बैंक नियामकों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि जमाकर्ताओं को किसी तरह का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।

अमेरिका के इतिहास में तीसरी बड़ी बैंक

अमेरिकी बैंकिग इतिहास में यह तीसरा सबसे बड़ा बैंक है, जो दिवालिया हुआ है। फेडरल डिपाजिट इंश्योरेंस कारपोरेशन (एफडीआइसी) ने बैंक में रिसीवर नियुक्त कर दिया है। इसका सीधा मतलब यह है कि रिसीवर बैंक की परिसंपत्तियां बेचकर ग्राहकों की जमा राशि लौटने का विकल्प खोजेंगा। स्टार्टटप को फंड मुहैया कराने वाला सिलिकान वैली बैंक शुक्रवार को दिवालिया हो गया था। जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए एफडीआइसी ने ब्रिज बैंक की स्थापना की है, जो ग्राहकों को सोमवार (अमेरिकी समयानुसार) से अपने धन का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करेगा।

अब आगे यह होगा

एफडीआइसी ने कहा है कि सिग्नेचर बैंक के जमाकर्ता और उससे कर्ज लेने वाले स्वतः ब्रिज बैंक के ग्राहक बन जाएंगे। इसी के साथ एफडीआइसी ने सिग्नेचर बैंक के सभी जमा और परिसंपत्तियों को ब्रिज बैंक में स्थानांतरित कर दिया है। इस बैंक को एफडीआइसी संचालित करेगी। ब्रिज बैंक एक तरह का चार्टर्ड नेशनल बैंक जिसे एफडीआइसी द्वारा नियुक्त किया गया बोर्ड चलाता है। सिग्नेचर बैंक में क्रिप्टो एक्सचेंज काइन बेस के 240 मिलियन डालर (1973 करोड़ रुपये से ज्यादा) जमा थे।

Posted By: Navodit Saktawat

 
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