SPY Balloon Row: जासूसी गुब्बारे को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन की अनुमति मिलने के बाद अमेरिकी वायुसेना ने मिसाइल दागकर संदिग्ध गुब्बारे को ध्वस्त कर दिया। (नीचे देखें वीडियो) बाइडेन ने जासूसी गुब्बारे को जल्द से जल्द ध्वस्त करने का आदेश दिया था।
इसके बाद चीन भड़क गया। ड्रैगन ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक सिविलियन एयरशिप था। अमेरिका को प्रोफेशनल तरीके से मुद्दे को हल करना चाहिए था। अमेरिका ओवर रिएक्ट कर रहा है।
इसके साथ ही चीन ने अमेरिका को जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है। चीन का कहना है कि अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है।
तीन एयरपोर्ट बंद कर दागी मिसाइल
इससे पहले अमेरिका ने करीब तीन दिन से अपने आसमान में मंडरा रहे गुब्बारे को मिसाइल दाग कर ध्वस्त कर दिया। इससे लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती गई। आसपास के तीन एयरपोर्ट को कुछ देर के लिए बंद रखा गया।
इससे पहले विशेषज्ञों ने आशंका तजाई थी कि गुब्बारे को मार गिराया गया तो उसके उसके मलबे से नागरिकों को नुकसान हो सकता है।
🚨#BREAKING: Incredible HD footage of the Chinese surveillance balloon being shot down
🚨#MyrtleBeach l #SC
Watch incredible HD video of the moment when the Chinese surveillance balloon was shot down by a single missile from an F-22 fighter jet from Langley Air Force Base pic.twitter.com/KjwTrgcvcb
— R A W S A L E R T S (@rawsalerts) February 4, 2023
दिखा चीन का एक और जासूसी गुब्बारा
इस बीच, लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में चीन का एक और संदिग्ध जासूसी गुब्बारा देखा गया है। शुक्रवार को अमेरिका के आकाश में तीन बसों के बराबर के आकार का गुब्बारा देखा गया था। इसके चीन का जासूसी गुब्बारा होने का शक है, जो अमेरिका के कई संवेदनशील ठिकानों के ऊपर उड़ता देखा गया। इससे दोनों देशों के संबंधों में पैदा हुए तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकन ने चीन दौरा स्थगित कर दिया है।
विदेश मंत्री ब्लिकन ने कहा है कि अब पहला कार्य आकाश में उड़ रहे चीन के गुब्बारे की असलियत का पता लगाना है। उसे अमेरिका के आकाश से बाहर करना है। कहा, हम चीन के साथ संवाद बनाए रखना चाहते हैं लेकिन ताजा प्रकरण ने हमारी इस भावना को कमजोर किया है।
चीन के गुब्बारे का अमेरिका के आकाश में आना अमेरिकी संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। ब्लिकन ने बताया कि अमेरिका ने इस मसले पर चीन से विरोध जता दिया है।
Posted By: Arvind Dubey
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