एक नए शोध के मुताबिक दस वर्ष से 24 वर्ष की आयु में अवसाद (डिप्रेशन) होने पर आगे चल कर यह गंभीर समस्याएं पैदा करता है। बचपन और किशोरावस्था में अवसाद होने पर आगे चलकर वयस्कों को गंभीर मानसिक और शारीरिक बीमारियां हो सकती हैं। इससे बड़े होने पर सामाजिक कामकाज में दिक्कत, खराब वित्तीय स्थिति, शैक्षणिक योग्यता में कमी और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होना देखा गया है। जिन बच्चों को अवसाद से ग्रस्त पाया गया, वे वयस्क होने पर बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए। इस बात में सीधा संबंध पाया गया कि बचपन में डिप्रेशन होने से बड़े होने पर सामाजिक-आर्थिक दर्जे में गिरावट, पारिवारिक समस्याएं, उत्पीड़न और झगड़ालू प्रवृत्ति देखी गई है। यह शोध ग्रेट स्मोकी माउंटेंस स्टडी पर आधारित है, जिसमें ऊंचे अक्षांशों पर रहने वाले 1420 लोगों की सेहत की तुलना अमेरिका के ग्रामीण लोगों से की गई है। यह शोध 1993 से जारी है। अमेरिकन एकेडमी आफ चाइल्ड एंड एडोलसेंट साइकियाट्री (जेएएसीएपी) में इस शोध को प्रकाशित किया गया है। हालांकि इस शोध में एक अच्छी खबर यह भी है कि जिन बच्चों को ऐसी किसी परेशानी के बाद विशेष मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिला उनमें बड़े होने पर चिंता और मानसिक स्वास्थ्य की अन्य समस्याएं होने का खतरा कम हो जाता है।
Posted By: Navodit Saktawat
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