कोविड-19 से दुनियाभर में अब तक 70 लाख से अधिक मौतें हो चुकी हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डा. टेड्रोस अदनोम घेबरेसस ने शुक्रवार को जिनेवा में पत्रकारों से बातचीत में कहा, "मुझे विश्वास है कि इस वर्ष हम यह कहने में सक्षम होंगे कि अंतरराष्ट्रयी चिता के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में कोविड-19 खत्म हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि कोविड-19 महामारी इस वर्ष स्वास्थ्य आपातकाल नहीं रह जाएगी। टेड्रोस ने कहा कि वायरस अधिक संक्रामक हो सकता है लेकिन गंभीर बीमारी का कारण नहीं बनता है। 11 मार्च, 2020 को कोविड-19 को महामारी के रूप में चिह्नित किया गया था।धीरे-धीरे इसका खतरा मौसमी फ्लू की तरह रह जाएगा। मुझे लगता है कि हम उस बिदु पर आ रहे हैं, जहां हम कोविड-19 को उसी तरह से देख सकते हैं जैसे हम मौसमी इन्फ्लुएंजा को देखते हैं।" उन्होंने कहा कि कोविड मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा बना रहेगा।
देश के 76 नमूनों में कोविड का नया प्रकार
देश में कोविड-19 के 76 नमूनों में वायरस का नया प्रकार एक्सबीबी1.16 पाया गया है। यह देश में कोविड-19 के मामलों में हालिया बढ़ोतरी की वजह हो सकता है। इंसाकाग के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस का यह नया स्वरूप जिन नमूनों में मिला है, उनमें से 30 कर्नाटक, 29 महाराष्ट्र, सात पुडुचेरी, पांच दिल्ली, दो तेलंगाना, एक-एक नमूने गुजरात-हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र के हैं।
जनवरी में आया था मामला
वायरस का एक्सबीबी1.16 स्वरूप सबसे पहले जनवरी में सामने आया था। राष्ट्रीय कोविड टास्क फोर्स का नेतृत्व कर चुके एम्स के पूर्व निदेशक ड. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोविड मामलों में वृद्धि की वजह एक्सबीबी1.16 प्रकार प्रतीत होता है, जबकि इन्फ्लुएंजा के मामले एच3एन2 के कारण हैं।
Posted By: Navodit Saktawat
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