बिलासपुर में देर रात ठंड का अहसास, बीमार पड़ रहे छोटे बच्चे
जैसे-जैसे रात बढ़ती है, वैसे-वैसे ही ठंड का अहसास होने लगता है। साफ है कि मौसम बदल रहा है और शीत ऋतु की दस्तक हो चुकी है। इस ऋतु का शुरुआती दौर छोटे बच्चों को बीमार बना सकता है।
By Abrak Akrosh
Edited By: Abrak Akrosh
Publish Date: Wed, 12 Oct 2022 08:40:13 PM (IST)
Updated Date: Wed, 12 Oct 2022 08:40:13 PM (IST)

बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। देर रेत ठंडक की अहसास होने लगा है। जैसे-जैसे रात बढ़ती है, वैसे-वैसे ही ठंड का अहसास होने लगता है। साफ है कि मौसम बदल रहा है और शीत ऋतु की दस्तक हो चुकी है। इस ऋतु का शुरुआती दौर छोटे बच्चों को बीमार बना सकता है। ऐसे में चिकित्सकों ने सलाह दी है कि इस मौसम में शून्य से पांच साल तक के बच्चों का विशेष ख्याल रखा जाए।
सिम्स की चाइल्ड ओपीडी में भी छोटे बच्चों की संख्या बढ़ने लगी है। ज्यादातर बच्चे सामान्य सर्दी-खांसी और बुखार की चपेट में आ रहे हैं। इसी तरह मातृ-शिशु अस्पताल के चाइल्ड ओपीडी में भी भीड़ बढ़ी है। शिशु रोग विशेषज्ञ डा. एस दास के मुताबिक अब ठंड की शुस्र्आत हो चुकी है। ऐसे में रात में तीन-चार बजे से ठंड का अहसास होने लगता है। किसी मौसम की शुस्र्आत छोटे बच्चों के लिए कठिन समय होता है। वे मौसम के बदलाव के अनुसार खुद को आसान नहीं ढाल पाते हैं।
ऐसे में ठंड की वजह से सर्दी-बुखार से पीड़ित हो जाते हैं । ऐसे में आने वाले एक से दो सप्ताह तक शून्य से पांच साल के बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे में रात के समय बच्चों को मोटा चादर या कंबल ओढ़ा जरूरी हो गया है। इससे उनके शरीर में गर्मी बने रहेगी और वे विंटर कोल्ड के शिकार नहीं होंगे। यदि इस दौरान बच्चे जरा भी ठंड की चपेट में आए तो उनका बीमार होना पक्का है। इसलिए इस मौसम में सावधानी बरतना जरूरी हो गया है।
ऐसे बरतें सावधानी
- गर्म भोजन कराएं।
- गर्म पानी से स्नान कराएं।
- शरीर में गर्मी बनाए रखने के लिए तेल की मालिश करें।
- रात में मोटा चादर या पतला कंबल ओढ़ाकर सुलाएं।
- तबीयत बिगड़ने पर चिकित्सक से परामर्श लें।