
बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिला आयुर्वेद कालेज के लिए कोनी में चार एकड़ जमीन मिल गई है। कलेक्टर ने जमीन अधिग्रहण करवाने राजस्व विभाग को निर्देश दिए हैं। यहां आयुर्वेद मेडिकल कालेज का निर्माण किया जाएगा। साथ ही अस्पताल भी बनना है। यहां पढ़ाई के साथ-साथ मरीजों का इलाज भी किया जाएगा। इससे पहले भवन के अभाव में डाक्टरों समेत छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब यह समस्या दूर हो जाएगी। हालांकि शासन से अभी भवन निर्माण के लिए राशि की मंजूरी नहीं मिली है। विभाग को बजट के लिए इंतजार करना होगा।
स्वास्थ्य विभाग ने सेंट्रल कौंसिल आफ इंडिया को नूतन चौक स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालय को कालेज का माडल बताकर आयुर्वेद कालेज की मान्यता हासिल की है। भवन के अभाव में कालेज का संचालन गांधी चौक स्थित किराए की बिल्डिंग में किया जा रहा है। क्लास रूम इतना छोटा है कि छात्र-छात्राओं को एक साथ बैठकर पढ़ने में परेशानी होती है। उस जमीन पर कालेज भवन के साथ छात्र-छात्राओं के लिए हास्टल का भी निर्माण किया जाना है। वर्तमान में छात्र-छात्राओं को किराए के मकान में रहना पड़ रहा है। इससे शासन को वित्तीय नुकसान हो पहुंच रहा है।
कई बार चेतावनी दे चुकी है सीसीआइएम की टीम
आयुर्वेद कालेज को मान्यता देने के पहले निरीक्षण के लिए पहुंची सीसीआइएम(भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद दिल्ली) की टीम यहां पसरी बदइंतजामी देखकर भड़क गई। उन्होंने यहां आयुर्वेद के फार्मासिस्ट के अलावा अन्य अधिकारियों की क्लास ली थी। उससे दवा बनाने के नुस्खे पूछे। नहीं देने पर उन्होंने यहां की अव्यवस्था को सुधारने के निर्देश दिए। इसके बावजूद यहां कई तरह की दिक्कतें हैं। डाक्टर तरीके से काम करने को तैयार नहीं है। यह बात भी सामने आ चुकी है। इसके अलावा शिकायतें भी हुई हैं। आयुर्वेदिक कालेज के प्राचार्य रक्षपाल गुप्ता ने बताया कि जमीन मिल गई है। अभी कब तक भवन निर्माण होगा। इसके बारे में जानकारी नहीं है।