बिलासपुर। Bilaspur Education News: क्षेत्रीय कार्यालय, केंद्रीय विद्यालय संगठन रायपुर के संभाग उपायुक्त विनोद कुमार ने कहा कि स्कूली शिक्षा में नवाचार जरूरी है। बिना इसके भविष्य में सफलता की कामना नहीं की जा सकती। कोरोना महामारी के बीच आनलाइन शिक्षण पद्धति से भले ही बच्चों को ज्ञान का पाठ पढ़ाया जा रहा है किंतु अभी इसमें और नवाचार की आवश्यता है। संकट के इस घड़ी में शिक्षक योद्धा बनकर भावी पीढ़ी के रक्षक बनें।
केंद्रीय विद्यालय बिलासपुर द्वारा शिक्षक पर्व पर वेबिनार आयोजित किया गया था। अध्यक्षता करते हुए संभाग उपायुक्त विनोद ने आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता, सीखने के लिए एक पूर्वापेक्षा विषय पर विस्तार से अपनी बातें रखी। प्राचार्य धीरेंद्र कुमार झा ने शिक्षक पर्व के 10 दिनी आयोजन को लेकर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर उन्होंने कहा की बच्चों की पढ़ाई से लेकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने व भविष्य निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने सरकार ने पूरी रणनीति स्पष्ट कर दिया है।
साक्षरता दर में वृद्धि के लिए निरंतर प्रयास जारी है। केंद्रीय विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाई के साथ प्रोफेशनल और स्किल की शिक्षा दी जा रही है। परीक्षा पद्धति में भी बदलाव कर नए स्वरूप विकसित की जा रही है। उपस्थित वक्ता डाइट दुर्ग की सहायक प्राध्यापक शिशिरकाना भट्टाचार्यने अपने वक्तव्य में आधरभूत साक्षरता को विस्तृत रूप से समझाया। एससीईआरटी छग के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डा.सुधीर श्रीवास्तव ने नई शिक्षा प्रणाली को समझते हुए कहा कि गणित विषय एक सीढ़ी कके समान है
जिसकी सभी अवधारणा को विद्यार्थियों को उचित माध्यम से सीखाना जरूरी है। केंद्रीय विद्यालय बचेली की प्रधान पाठिक ममता कुमारी ने आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक को पावर पाइंट के माध्यम से समझाया। इस अवसर पर कृष्णा पब्लिक स्कूल की प्राचार्य रूंकी अंबस्ट ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर शैलजा, तारा यादव, दीपक सिंह, खलिक, राजेश शर्मा, अर्चना सहित अन्य शिक्षक उपस्थित थे। वेबिनार का लाइव स्ट्रीमिंग यूट्यूब के माध्यम से किया गया।