
बिलासपुर। सिम्स में लगभग सभी वार्ड मरीजों से भरे रहते है, ऐसे में अक्सर कई मरीज पेइंग वार्ड की मांग करते है, लेकिन इसकी सुविधा होने के बाद भी मरीज इसका उपयोग नहीं कर पा रहे है। इसकी वजह यह है कि इन पेइंग वार्ड को कोरोना महामारी की वजह से ढाई साल पहले सील कर दिया गया था, वही इसके बाद इन वार्डो को चालू ही नहीं किया गया है, इसकी वजह से मरीज पेइंग वार्ड से वंचित हो रहे है, वही सिम्स प्रबन्धन को इससे मिलने वाले राशि की भी हानि सहन पड़ रहा है।
सिम्स में 10 पेइंग वार्ड बनाए गए है, यदि कोई मरीज इसकी सुविधा लेना चाहते है तो उन्हें यह रोज के 750 रुपए में उपलब्ध कराया जाता है। जब तक पेइंग वार्ड चल रहा था तब तक सभी पेइंग वार्ड मरीजो से भरे रहते थे, इससे सिम्स को हर महीने अच्छी खासी राजस्व की प्राप्ति हो जाता रहा, वही इस राशि को भी जरूरतमंद मरीजों का इलाज हो जाता रहा है। लेकिन कोरोना काल से इन पेइंग वार्ड का संचालन बंद कर इसे फर से चालू करना सिम्स प्रबन्धन भूल गई है। जबकि आएदिन बाहर से इलाज कराने आए मरीज व स्वजन पेइंग वार्ड की मांग करते रहते है। जबकि कोरोना महामारी पूरी तरह नियंत्रण में आ चुका है, इसके बाद भी इनका संचालन न करना समझ से परे की बात है।
आ चुकी है खामियां
लगभग ढाई साल से ये वार्ड बंद है। ऐसे में इनका मेंटेनेंस भी नहीं किया गया है। जानकारी के मुताबिक सभी बाथरूम जाम हो चुके है। साथ ही दीवार की टाइल्स भी निकल चुके है। इसके अलावा कई तरह के सामान रखने की वजह से भी इन वार्डो का स्थिति खराब हो गई है। इसे चालू कराने से पहले इनकी मरम्मत भी कराना होगा। वही यहां के कर्मचारियों का कहना है कि वार्ड में होने वाले खर्चो को देखते हुए इन वार्डो के संचालन से सिम्स प्रबंधन पीछे हट रही हैं।
कोरोना वार्ड भी हो चुका है बंद
मालूम हो कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद सिम्स में कोरोना वार्ड को भी बंद कर दिया गया है। सिर्फ कोरोना ओपीडी का संचालन किया जा रहा है। ऐसे में अन्य वार्डो का संचालन सामान्य रूप से हो रहा है। इन बातों को लेकर ही आएदिन पहुचने वाले लोग पेइंग वार्ड चालू करने की बात रख रहे हैं।