
रायपुर। Bhupesh Baghel Cabinet Meeting Today: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक मेें पुरानी पेेंशन स्कीम को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि यदि केंद्र सरकार राज्य के कर्मचारियों के पेंशन अंशदान का 17 हजार 500 करोड़ वापस नहीं भी करती है तब भी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा। बैठक के पश्चात पत्रकारों से चर्चा करते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि शासकीय कर्मचारियों को एक अप्रैल 2022 से ही छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि का सदस्य माना जाएगा। एक नवंबर 2004 या उसके पश्चात नियुक्त तिथि से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते में जमा कर्मचारी अंशदान और उस पर लाभांश कर्मचारी को एनपीएस नियमों के तहत दिया जाएगा। कर्मचारियों को एनपीएस का अंशदान व लाभांश राज्य के खाते में जमा करना होगा।
शासकीय सेवकों को एनपीएस अंतर्गत पहले की तरह बने रहने अथवा पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने के विकल्प को लेकर शपथ पत्र देना होगा। यह विकल्प अंतिम और अपरिवर्तनीय होगा। चौबे ने बताया कि शासकीय सेवक द्वारा पुरानी पेंशन योजना का विकल्प लेने पर एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते में शासन द्वारा जमा किए गए अंशदान एवं उस पर प्राप्त लाभांश को शासन के खाते में जमा करना होगा। एक अप्रैल 2022 और उसके बाद नियुक्त होने वाले राज्य के शासकीय सेवक अनिवार्य रूप से पुरानी पेंशन योजना के सदस्य होंगे।
बता दें इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी थी कि उसके पास फंसी राज्य के कर्मचारियों के पेंशन की 17 हजार 240 करोड़ रुपये की राशि को वे हर हाल में लेकर रहेंगे। उन्होंने कहा था कि राज्य के कर्मचारियों के लिए लागू की गई पुरानी पेंशन योजना को रोकने के लिए केंद्र सरकार ऐसा कर रही है। बता दें कि बघेल ने इस राशि की वापसी की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा था।