आरक्षण पर भाजपा के आदिवासी नेताओं ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल, कहा- भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए महंगे वकील लगाती है, लेकिन..
Politics on Reservation: आरक्षण पर हाई कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। भाजपा ने आरक्षण के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरका ...और पढ़ें
By Ashish Kumar GuptaEdited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Wed, 21 Sep 2022 01:34:36 PM (IST)Updated Date: Wed, 21 Sep 2022 01:34:36 PM (IST)

रायपुर। Politics on Reservation: आरक्षण पर हाई कोर्ट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में राजनीति तेज हो गई है। भाजपा ने आरक्षण के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा किया है। भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए भाजपा के आदिवासी नेताओं ने आरक्षण कम होने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
भाजपा नेता नंदकुमार साय ने कहा, हम बहुत दुखी है, 12 प्रतिशत आरक्षण कम होने के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। सरकार ने अच्छा वकील नहीं लगाया है। यहां जनजातियों को देखकर अटल जी ने अलग राज्य दिया था। सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए महंगे वकील लगाती है।
पूर्व मंत्री रामविचार नेताम ने कहा, आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में है। भाजपा नेता महेश गागड़ा ने कहा, भूपेश सरकार आदिवासी विरोधी है। पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा, ये सरकार आदिवासी विरोधी है। ये आदिवासियों को पंचर बनाते देखना चाहते हैं। ये सरकार आदिवासियों को कुचलना चाहती है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सोमवार को आरक्षण पर बड़ा फैसला देते हुए राज्य के लोक सेवा आरक्षण अधिनियम को रद्द कर दिया है। इसकी वजह से अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 32 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत पर आ गया है। वहीं अनुसूचित जाति का आरक्षण 13 प्रतिशत से बढ़कर 16 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत हो गया है। इसके सामाजिक-राजनीतिक प्रभाव की वजह से प्रदेश का राजनीतिक माहौल गर्म है।