रायपुर। Karwa Chauth 2022: पति की लंबी आयु की कामना और सुख-समृद्धि के लिए करवा चौथ पर्व श्रद्धा-उल्लास से मनाया जाएगा। सुहागिनें सरगी यानी फल, ड्राईफ्रूट, मिठाई का सेवन करके निर्जला व्रत रखने की परंपरा निभाएंगी। पर्व के एक दिन पहले बुधवार की रात्रि में अथवा गुरुवार को ब्रह्म मुहूर्त में सुहागिनें सरगी खाकर व्रत रखेंगी। इस दिन पूजा के पश्चात चंद्रमा को छलनी से देखने की परंपरा होने से स्त्रियों ने विविध डिजाइन की छलनी की खरीदारी की। बुधवार को भी छलनी, मिट्टी का करवा और पूजन सामग्री खरीदने महिलाएं उमड़ेंगी। पर्व को लेकर बाजार में भी रौनक छाने लगी है।
मेहंदी रचाने कराई बुकिंग
सुहागिनें करवा चौथ पर 16 श्रृंगार करेंगी। मेहंदी रचाने के लिए इन्होंने एक दिन पहले पहले से बुकिंग करवा ली है। बैजनाथपारा, छोटापारा में मेहंदी लगवाने के लिए इन्हें घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ती है। इससे बचने के लिए मंगलवार को बुकिंग कराने महिलाएं पार्लरों में पहुंची।
खूब बिका मिट्टी का करवा और छलनी
पर्व के एक दिन पहले महिलाओं ने मिट्टी का करवा और छलनी की खरीदारी की। साथ ही माता को अर्पित करने के लिए श्रृंगार सामग्री में चूड़ी, बिंदी, साड़ियों की खरीदारी की।
करें सुहाग सामग्री दान
महामाया मंदिर के पुजारी पं.मनोज शुक्ला ने बताया कि पति की लंबी आयु के लिए व्रत करने की परंपरा हजारों साल से निभाई जा रही है। इष्ट देवी देवता, भगवान गणेश, शंकर, पार्वती, विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करके मिट्टी के कलश यानी करवा में चावल, उड़द दाल, सुहाग सामग्री भरकर दान करना चाहिए।
पांडवों की रक्षा करने द्रौपदी ने रखा व्रत
ऐसी मान्यता है कि पांडवों की रक्षा करने के लिए माता द्रौपदी ने कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर व्रत रखा था।
पूजा करके कथा सुनें
सात भाइयों की बहन ने करवा चौथ का व्रत रखा। भूखी-प्यासी बहन की स्थिति भाइयों से नहीं देखी गई। एक भाई ने पीपल के वृक्ष के पास मशाल जलाकर कहा कि चंद्रमा निकल आए हैं। यह देखकर बहन ने व्रत तोड़ दिया। बाद में उसके पति की मृत्यु हो गई। बहन विलाप करने लगी। उधर से गुजर रही इंद्राणी ने कहा कि प्रत्येक चौथ का व्रत करो। बहन ने अपने पति के शव को पूरे साल सुरक्षित रखा। कार्तिक चौथ का व्रत करते ही उनके पति को नया जीवन मिल गया।