कलेक्टर की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए ओपी चौधरी ने खराब सड़क और भ्रष्टाचार को लेकर सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रभावित होकर कलेक्टर की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए ओपी चौधरी ने राज्य सरकार के खिलाफ शंखनाद किया है। छत्तीसगढ़ की राजनीति में उनके जुझारूपन को देखकर यह कहा जाने लगा है कि वह प्रदेश के स्मृति इरानी साबित होंगे।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Thu, 13 Oct 2022 10:58:08 AM (IST)
Updated Date: Thu, 13 Oct 2022 10:58:08 AM (IST)

मृगेंद्र पांडेय। रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रभावित होकर कलेक्टर की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए ओपी चौधरी ने राज्य सरकार के खिलाफ शंखनाद किया है। चौधरी भले ही पिछले विधानसभा चुनाव में झीरम घाटी नक्सली हमले में मारे गए तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल से चुनाव हार गए हों, लेकिन छत्तीसगढ़ की राजनीति में उनके जुझारूपन को देखकर यह कहा जाने लगा है कि वह प्रदेश के स्मृति इरानी साबित होंगे। स्मृति अपना पहला लोकसभा चुनाव अमेठी से कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से हार गई थीं, लेकिन अगले चुनाव में स्मृति ने राहुल को अमेठी से बाहर कर दिया।
अमेठी को कांग्रेस की परंपरागत सीट के रूप में देखा जाता है। ठीक वैसे ही रायगढ़ की खरसिया सीट को भी कांग्रेस की परंपरागत सीट के रूप में देखा जाता है। यहां न सिर्फ नंदकुमार पटेल ने नेतृत्व किया, बल्कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह भी विधायक रहे हैं। अब भाजपा ओपी चौधरी के बहाने कांग्रेस के गढ़ पर हमला करने की तैयारी में जुट गई है। चौधरी ने खराब सड़क, भ्रष्टाचार और रोजगार के मुद्दे को लेकर पदयात्रा की। इसकी शुरुआत में चौधरी ने एक तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट की, जिसमें वह गले में माला पहने शंख बजा रहे हैं।
उन्होंने लिखा कि पदयात्रा, परिवर्तन के लिए। धर्म और अधर्म के बीच के महाभारत युद्ध का आरंभ भी शंखनाद के साथ हुआ था। चौधरी की पदयात्रा में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, प्रदेश महामंत्री संगठन पवन साय सहित प्रदेश स्तर के नेता शामिल हुए। चौधरी ने घरघोड़ा से रायगढ़ तक की 50 किलोमीटर की पदयात्रा की। राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जब से भारत जोड़ो यात्रा शुरू की है, तब से प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा पदयात्रा के माध्यम से वोटरों तक पहुंच रही हैं। भाजपा भी अब प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में पदयात्रा करके जनता के बीच पहुंचने की कवायद कर रही है।
पदयात्रा में उठाया जनता के मुद्दे
पदयात्रा में भाजपा नेताओं ने जनता के मुद्दे उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने सबसे ज्यादा प्रदेश की खराब सड़कों को लेकर सरकार पर निशाना साधा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीबों के आवास नहीं बनने का मुद्दा उठाया। भाजपा का आरोप है कि प्रदेश में सरकार की लापरवाही के कारण लगभग 18 लाख गरीबों के आवास नहीं बन पाए।