Raipur News: गड्ढे भरने में विलंब पर भड़के महापौर, एजेंसी पर लगाया 25 हजार रुपये का जुर्माना
महापौर निधि मद पर चर्चा करते हुए एमआइसी सदस्य शर्मा भी अप्रसन्न् दिखे। उन्होंने कहा कि जोनों से फाइलें आकर मुख्यालय में अटक जाती हैं। उन फाइलों को खोज ...और पढ़ें
By Pramod SahuEdited By: Pramod Sahu
Publish Date: Wed, 12 Oct 2022 07:05:00 AM (IST)Updated Date: Wed, 12 Oct 2022 07:05:40 AM (IST)

रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सड़कों के गड्ढे भरने में हो रहे विलंब को लेकर महापौर उखड़ गए। समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों की कार्यशैली के प्रति अप्रसन्न्ता व्यक्त की। अनुबंधित एजेंसी द्वारा रोज 80 वर्गफीट गड्ढे भरने की जानकारी मिलने पर वे भड़क गए और एजेंसी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया।
उन्होंने भविष्य में कार्य की गति नहीं बढ़ने पर एजेंसी को काली सूची में डालने की भी चेतावनी दी। इसी बीच जोनों से मिली गड्ढों की सूची से वे स्वयं भी संतुष्ट नहीं दिखे। जोन अधिकारियों ने बताया कि 1294 गड्ढों की सूची सौंपी गई है, जबकि शहर में इससे अधिक गड्ढे हैं। इसे लेकर भी वे उन्होंने सुधार करने को कहा है।
मैनुअल तकनीक से भी भरे जाएंगे गड्ढे
शहर में तीन हजार से अधिक गड्ढे हैं, जबकि अधिकारी केवल 1,294 ही खोज पाए हैं। ऐसे में बैठक में एक और डामर ठेकेदार को बुलाया गया। ठेकेदार के पास पेवर मशीन है, जिससे गड्ढा भरने का काम किया जाता है। इस मशीन से आमापारा चौक से लाखेनगर चौक तक के आठ-दस गड्ढे भरवाए जाएंगे। उसके बाद इसकी गुणवत्ता भी देखी जाएगी। गुणवत्ता अच्छी मिलने पर सभी जोनों में इसी पद्धति से कार्य किया जाएगा।
फाइलें अटकने पर भड़के ज्ञानेश
महापौर निधि मद पर चर्चा करते हुए एमआइसी सदस्य शर्मा भी अप्रसन्न् दिखे। उन्होंने कहा कि जोनों से फाइलें आकर मुख्यालय में अटक जाती हैं। उन फाइलों को खोजना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों की सुविधाओं के लिए काम किए जाते हैं। फाइलें अटकनी नहीं चाहिए। पंद्रह लाख निधि मद, विकास शुल्क, सड़क बाधा शुल्क, संधारण मद, डामर वाली नई सड़कों जैसे विषयों पर बैठक में चर्चा हुई।
अप्रैल-मई में वर्षा नहीं, फिर भी नहीं ठीक किए गड्ढे
जोनों से प्रस्ताव भेजे जाने के बाद भी गड्ढे नहीं भरे जाने को लेकर इस बैठक में चर्चा की गई। इस पर महापौर ने कहा कि अप्रैल-मई के समय वर्षा नहीं हो रही थी, जबकि प्रस्ताव जोनों से पहले ही भेजे जा चुके थे, लेकिन अधिकारियों ने काम नहीं किया। इसे लेकर भी महापौर अधिकारियों पर भड़के।