रबी सीजन में किसानों को गेहूं बीज पर नहीं मिलेगा अनुदान, चने पर दो गुना से अधिक बढ़ाया-
कृषि मंत्री को बदलाव की जानकारी तक नहीं
अजय जैन। विदिशा।
लगातार तीन साल से फसलों की बर्बादी झेल रहे किसानों को इस बार रबी सीजन में गेहूं के बीज पर अनुदान नहीं मिल सकेगा। राज्य सरकार ने इस बार गेहूं बीज पर अनुदान ही जारी नहीं किया है। वहीं चने के बीज पर अनुदान पिछले साल की अपेक्षा दो गुना बढ़ा दिया है। किसान नेता इस विसंगति से बिचौलियों को फायदा होने की बात कह रहे हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि कृषि मंत्री कमल पटेल को इस बदलाव की जानकारी ही नहीं है। मंत्री का कहना है कि वे इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
ज्ञात हो कि प्रदेश के छोटे और मध्यमवर्गीय किसानों को राज्य सरकार हर साल रबी सीजन में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत सहकारी समितियों और बीज उत्पादक समितियों के माध्यम से अनुदान पर गेहूं, चना सहित अन्य अनाज के बीज उपलब्ध कराती है। किसानों को इस पर अनुदान राशि भी दी जाती है। पिछले साल सरकार ने गेहूं बीज का मूल्य 3700 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया था, जिस पर 750 रुपये क्विंटल का अनुदान था। इस बार सरकार ने गेहूं बीज का मूल्य 4050 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, लेकिन अनुदान स्वीकृत नहीं किया। विदिशा कृषि विभाग उप संचालक अमरसिंह चौहान के मुताबिक इस बार गेहूं बीज पर अनुदान नहीं है। किसानों को बीज की पूरी राशि चुकाना होगी, उनके मुताबिक यह बीज 2 हेक्टेयर तक की जमीन के लिए प्रत्येक किसान को अधिकतम दो क्विंटल उपलब्ध कराया जाता है। जिले में करीब चार हजार क्विंटल गेहूं किसानों को दिया जाता है। पूरे प्रदेश में डेढ़ लाख क्विंटल गेहूं बीज किसानों को बांटा जाता है।
चने पर 1350 से बढ़ाकर 3300 रुपये किया
पिछले साल चने का प्रति क्विंटल मूल्य 6400 रुपये था, जिस पर 1350 रुपये का अनुदान था। इस बार मूल्य 6600 रुपये प्रति क्विंटल रखा है। वहीं अनुदान 3300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। किसान नेता चने का अनुदान बढ़ाने पर बिचौलियों को फायदा पहुंचाने की बात कह रहे हैं, उनका कहना है कि कृषि मंडी में चने का भाव पांच हजार रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। ऐसे में अनुदान वाला चना मंडी में महंगे भाव पर बिकने की आशंका रहेगी।
वर्जन
अधिकारियों से लेंगे जानकारी
गेहूं के बीज पर अनुदान समाप्त करने की जानकारी नहीं है। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से चर्चा करूंगा।
- कमल पटेल, कृषि मंत्री, मध्यप्रदेश।
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किसान विरोधी है अनुदान नीति
राज्य सरकार की अनुदान नीति किसान विरोधी है। गेहूं के बीज से अनुदान खत्म करने से हजारों किसानों को नुकसान होगा। चने में दोगुने से अधिक अनुदान राशि बढ़ाने से कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा। बिचौलिये फर्जी दस्तावेजों से बीज प्राप्त कर उसे मंडी में बेचकर मोटा मुनाफा कमाएंगे।
- केदार सिरोही, कार्यकारी अध्यक्ष, किसान कांग्रेस, मध्यप्रदेश।