कार्रवाई के नाम पर राजौरिया का होगा केवल स्थानांतरण-
- मंत्री कुशवाह ने मुख्यमंत्री को भेजा प्रस्ताव
भोपाल। नवदुनिया प्रतिनिधि
उद्यानिकी विभाग की यंत्रीकरण योजना और नमामि देवी नर्मदे योजना में हुए घोटाले की जांच में दोषी उप संचालक राजेंद्र कुमार राजौरिया पर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। राजौरिया का संचालनालय से स्थानांतरण कर उन्हें ग्वालियर भेजा जा रहा है। उद्यानिकी मंत्री कुशवाह ने राजौरिया के स्थानांतरण की सहमति देते हुए प्रस्ताव बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजा है। इसके अलावा ग्वालियर कृषि विश्वविद्यालय से प्रतिनियुक्ति पर आई उप संचालक पूजा सिंह को उनके मूल विभाग में वापस भेजा जा रहा है। राजौरिया के खिलाफ जांच प्रतिवेदन का परीक्षण कर रहे वित्त विभाग के अधिकारी एएस परिहार को भी हटा दिया है। तबादला आदेश आते ही आनन-फानन में उन्हें रिलीव भी कर दिया। परिहार ने एमपी एग्रो के एमडी और आइएएस अधिकारी श्रीकांत बनोठ के साथ मिलकर केंद्र सरकार की यंत्रीकरण योजना की जांच की थी। प्राथमिक जांच में राजौरिया को दोषी पाया था। इसी तरह जबलपुर में प्रदेश सरकार की नमामि देवी नर्मदे योजना में कागजों पर करीब दो करोड़ रुपये की खरीद की गई थी। इसमें भी इस योजना के नोडल अधिकारी राजौरिया समेत जबलपुर के अन्य अधिकारी दोषी पाए गए थे। इसकी जांच जबलपुर के संयुक्त संचालक मनोज मेश्राम ने की थी और रिपोर्ट परिहार को भेजी थी। इसका परिक्षण परिहार पूरा कर पाते इसके पहले ही उन्हें हटा दिया गया।
यह हैं आरोप
केंद्र सरकार की यंत्रीकरण योजना के तहत प्रदेश के उद्यानिकी विभाग को सौ करोड़ रुपये की राशि मिली थी। यह राशि किसानों के खातों में जानी थी, लेकिन राजौरिया ने नियम बदलकर राशि निजी कंपनी के खाते में डाल दी। इसी तरह किसानों को कागजों में ही कृषि उपकरण दे दिए, जबकि हकीकत में उन्हें कुछ नहीं मिला। इसी तरह नमामि देवी नर्मदे योजना में भी जमकर फर्जीवाड़ा किया। इसमें कागजों पर ही पौधों को खरीद कर उसका भुगतान निजी नर्सरियों को कर दिया गया।
वर्जन
जांच के चलते राजौरिया को संचालनालय से हटाने का प्रस्ताव भेजा है। अभी जांच रिपोर्ट का परीक्षण किया जा रहा है। बहुत जल्दी परीक्षण पूरा होने के बाद जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई जरूर की जाएगी।
भारत कुशवाह, मंत्री उद्यानिकी विभाग