गृहमंत्री तो मान गए, आप कब मानोगे :
लापरवाही पड़ रही भारी, कोरोना से एक दिन में सर्वाधिक 45 मरीजों की मौत
भोपाल। नवदुनिया प्रतिनिधि
प्रदेश में बुधवार सुबह 8 बजे से गुरुवार सुबह 8 बजे के बीच 45 मरीजों की मौत हो गई है। यह एक दिन में मौतों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। 2304 नए मरीज मिले हैं। बच्चे, युवा और बुजुर्ग में से कोरोना किसी को नहीं बख्श रहा है, फिर भी हमारे बीच कई लोग खलनायक की भूमिका में हैं। वह न मास्क लगा रहे हैं और न ही शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं। ऐसे लोग खुद संक्रमित होंगे, घर वालों को और दूसरे लोगों को भी इस जानलेवा बीमारी की चपेट में ला देंगे। मास्क नहीं लगाने की गलती पढ़े-लिखे लोग भी कर रहे हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को इंदौर में कहा था कि वह खुद मास्क नहीं लगाते हैं, लेकिन बाद में उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ। भोपाल में आकर उन्होंने सफाई दी कि चेहरे में कुछ दिक्कत के चलते वह मास्क नहीं लगा रहे थे, लेकिन अब ऐसी गलती नहीं करेंगे। नियमित मास्क लगाएंगे। गृहमंत्री तो मान गए, लेकिन मास्क नहीं पहनने वाले बाकी लोग कब चेतेंगे।
कोविड 19 के लिए तकनीकी सलाहकार बनाए गए गांधी मेडिकल कॉलेज के छाती व श्वास रोग विभाग के एचओडी डॉ. लोकेन्द्र दवे ने कहा कि नियमों और दिशा निर्देशों की अनदेखी की जा रही है। राजनीतिक आयोजन, रैलियां और प्रदर्शन हो रहे हैं। इस कारण मरीज बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि मौत की दर दो फीसद से नीचे आ गई है, लेकिन मरीजों की संख्या ज्यादा है। इस लिहाज से एक से दो फीसद मौतों में भी बड़ा आंकड़ा सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि संक्रमण की चेन नहीं ता़ेडी तो संक्रमितों और मौतों की संख्या और बढ़ सकती है। यह काम तभी हो सकता है जब सभी लोग मास्क पहनें। इससे 98 फीसद तक संक्रमण से बचाव हो जाएगा।
तारीख मरीज मिले संक्रमण दर मौत
24 2304 11.94 45
23 2346 10.1 42
22 2544 14.3 28
21 2523 11.5 37
20 2579 12.5 27
19 2607 13.5 42
18 2552 12.4 24
17 2391 9.3 33
इस तरह बढ़ी मौतों की संख्या
माह मौत
मार्च 5
अप्रैल 132
मई 213
जून 261
जुलाई 295
अगस्त 527
सितंबर (24 तारीख तक) 656
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24 सितंबर की स्थिति में प्रदेश के हालात
अब तक लिए सैंपल 1904145
अब तक संक्रमित 115361
अब तक मौत 2122
अब तक स्वस्थ 90488
सक्रिय मरीज 22751
स्वस्थ होने की दर 78.43
मौत की दर 1.83
संक्रमण की दर 6.05
सरकार की यह रही लापरवाही
-भीड़ वाली सभी गतिविधियों की अलग-अलग चरणों में छूट दी, लेकिन मास्क लगाने और शारीरिक दूरी रखने के लिए लोगों को जागरूक नहीं किया न ही सख्ती की।
-मास्क नहीं लगाने पर पुलिस और नगर निगम को जुर्माना करने का अधिकार है, लेकिन इस पर सख्ती से अमल नहीं किया।
- हेयर कटिंग सैलून से लेकर हर जगह गाइडलाइन बना दी, लेकिन मॉनीटरिंग नहीं की।
-संक्रमण की दर और मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद भी बीमारी को जल्दी पकड़ने के लिए जांचों की संख्या नहीं बढ़ाई।
-छोटे जिलों में आइसीयू नहीं होने की वजह से मरीजों को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा है, जिससे उनमें कुछ को बचा पाना मुश्किल होता है।
- फेफड़े में सूजन कम करने वाले इंजेक्शन रेमेडिसिविर और टॉसिलीजुमैब सरकार उपलब्ध नहीं करा रही है। इंजेक्शन की किल्लत के चलते छोटे जिलों में मरीज तीन से चार दिन में इंजेक्शन की व्यवस्था कर पा रहे हैं।
आमजन की लापरवाही
- छोटे जिलों में मुश्किल से 10 फीसद लोग ही मास्क पहन रहे हैं।
- संक्रमित पाए जाने और आसपास के लोगों को पता चलने के डर से लोग जांच नहीं करा रहे हैं।
-जांच कराने पर गलत पता व फोन नंबर देते हैं, जिससे उन्हें खोजना मुश्किल हो रहा है।
- साधारण सर्दी-जुकाम समझकर इलाज के लिए नहीं जा रहे हैं, खुद दवा खरीदकर खा रहे हैं।