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लापरवाहीः कृषि उपज मंडी में मूंगफली की शुरू नहीं हुई खरीदी, किसान हो रहे हैं परेशान
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सौंसर स्थित कृषि उपज मंडी
सौंसर। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन को लेकर उपजी परिस्थिति ने एक ओर जहां किसानों की कमर तोड़ दी है, वहीं वर्तमान में क्षेत्र के किसानों के घर जीवन यापन करने के लिए लाले पड़ गए हैं। सरकार ने मूंगफली का दाम 4980 रुपये क्विंटल का तय किया है, लेकिन कृषि मंडियों में खरीदी शुरू नहीं होने से किसान 4500 रुपये क्विंटल के भाव से बेच रहे हैं। हालांकि मंडी प्रशासन का कहना है कि अभी तक कपास खरीदी होने के कारण मूंगफली की खरीदी नहीं हो पाई है। शीघ्र ही कृषि उपज मंडी में खरीदी शुरू हो जाएगी।
बावजूद इसके कृषि मंडी प्रशासन, जनप्रतिनिधियों के द्वारा किसानों की समस्या को लेकर कुछ नहीं किया जा रहा है। जून माह शुरू होने के बावजूद भी कृषि उपज मंडी में मूंगफली फसल की खरीदी शुरू नहीं हुई है। मजबूरी में किसानों को अपने खून पसीने से तैयार की गई फसल को व्यापारियों को औने-पौने दामों में बेचना पड़ रहा है, हालांकि पिपलानारायणवार क्षेत्र कांग्रेस भाजपा नेताओं की कर्मभूमि है, बावजूद इसके किसानों की परेशान होना पड़ रहा है।
पिपला क्षेत्र में होती है, अधिक मूंगफली की उपज
मिली जानकारी के अनुसार सौंसर क्षेत्र के अंतर्गत सबसे अधिक उपज मूंगफली की पिपलानारायणवार क्षेत्र के 15 गांव में होती है, इस क्षेत्र में लगभग डेढ़ सौ हेक्टेयर में गर्मी के सीजन में तैयार होने वाली मूंगफली का उत्पादन होता है, बीते सालों की तुलना करें तो मई महीने की शुरुआत में मूंगफली की फसल पिपला की कृषि उपज मंडी में खरीदी शुरू की जाती थी, परंतु वर्तमान में जून माह का पहला सप्ताह बीत चुका है, बावजूद इसके अभी तक कृषि उपज मंडी में मूंगफली की फसल की खरीद शुरू नहीं की गई है। जिसके चलते मूंगफली उत्पादक किसानों के सामने अपनी उपज बेचने को लेकर चिंता और परेशानी हो रही है।
मंडी में खरीदी बंद का फायदा उठा रहे मूंगफली व्यापारी
महामारी के इस विकट परिस्थिति में भी व्यापारियों के द्वारा भोले-भाले किसानों से कम दाम पर मूंगफली खरीदी जा रही है। मूंगफली उपज की शासन द्वारा खरीदी शुरू नहीं की गई है, जिसका सीधा-सीधा फायदा क्षेत्र के व्यापारियों के द्वारा उठाया जा रहा है, व्यापारियों के द्वारा किसानों के घरों घरों में जाकर कृषि उप मंडी में इस साल खरीदी नहीं होने की बात का दुष्प्रचार किया जा रहा है, और इन्हीं किसानों से व्यापारियों के द्वारा 4500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मूंगफली की फसल की खरीदी की जा रही है, मंडी शुरू कब होगी होगी भी या नहीं यह बात स्पष्ट नहीं होने के चलते भोले-भाले किसान भी मन मारकर अपनी उपज व्यापारियों को बेच रहे हैं। कृषि उपज मंडी सौंसर से मिली जानकारी के अनुसार शासन के द्वारा मूंगफली प्रति क्विंटल का भाव 4890 रुपए स्वीकृत किया गया है।
कपास खरीदी में लगे अधिकारी, नहीं है मूंगफली पर ध्यान
इन दिनों मंडी प्रशासन और कर्मचारी सीसीआई के द्वारा की जाने वाली खरीदी में लगे हुए हैं, वहीं दूसरी और नेतानगरी रेत आंदोलन में लगे हुए हैं। इसलिए पिपलानारायणवार में होने वाली मूंगफली फसल खरीदी और किसानों की समस्या पर किसी का ध्यान नहीं है, एक और सीसीआई और जिनिंग मालिकों के द्वारा हजारों क्विंटल कपास की खरीदी की जा रही है। वहीं दूसरी ओर क्षेत्र के भोले-भाले किसान अपनी मूंगफली की फसल को बेचने को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं, किसान वासुदेव वीरखड़े, सावन इंगोले, ने बताया कि मंडी प्रशासन की ओर से जल्द से जल्द कृषि उपज मंडी में समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू करनी चाहिए, कई किसानों के द्वारा मंडी शुरू नहीं हो रही इसलिए 4500 के भाव से व्यापारी अपनी फसल बेच रहे हैं, उपज बिक्री के बाद में दूसरी फसल के लिए भी खेतो में किसानों को काम करना है, वर्तमान में बारिश का मौसम शुरू हो चुका है।
इनका कहना है
कपास खरीदी को लेकर अधिकारी लगे हुए हैं, परंतु कृषि उपज उप मंडी पिपला नारायणवार में मूंगफली खरीदी को लेकर जल्द ही शुरुआत की जाएगी, वर्तमान में शासन की गाइड लाइन के अनुसार 4890 रु प्रति क्विंटल मूंगफली का भाव तय किया गया है।
नीतू उइके मंडी सचिव
हाल ही में कृषि मंडी और प्रशासन के अधिकारी से मूंगफली समर्थन मूल्य पर खरीदी करने को लेकर मेरी चर्चा हुई है। मैं शासन को एक पत्र भी लिख रहा हूं। जल्दी ही पिपलानारायणवार कृषि उप मंडी में किसानों से मूंगफली फसल खरीदी शुरू की जाएगी।
विजय चौरे, विधायक सौंसर