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नैनपुर, छिंदवाड़ा, मंडला फोर्ट परियोजना का चार चरणों में हो रहा काम
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गेज कनवर्जेंस परियोजना के तहत हो रहा है काम
छिंदवाड़ा। नैनपुर-छिंदवाड़ा-मंडला फोर्ट रेल परियोजना के कार्यों में एक बार फिर अड़चन आने लगी है। पहले लॉकडाउन और फिर बारिश का सीजन, अब मजदूरों की कमी, ये तीनों संकट प्रोजेक्ट को प्रभावित कर रहे हैं। रेलवे कार्यों में लगे मजदूर अपने घर लौट गए। ऐसे में इस परियोजना पर एक बार फिर ग्रहण लग गया है। गौरतलब है कि बीते वर्ष बजट के अभाव में परियोजना के कार्य ठप हो गए थे। गेज कन्वर्जन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रेल बजट में परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए थे। यह पैसा हमें अप्रैल माह में मिल चुका है। अब इस परियोजना के लिए हमारे पास प्रर्याप्त बजट है। इस समय मजदूरों की कमी की वजह से थोड़ी दिक्कत हो रही है। हालांकि गेज कन्वर्जन के अधिकारियों ने छिंदवाड़ा से नैनपुर के बीच पहला खंड छिंदवाड़ा से चौरई (36 किमी) रेलमार्ग का कार्य दो माह में पूरा करने का लक्ष्य बनाया है। अधिकारियों का कहना है कि इस खंड में अधिकतर कार्य पूरा हो चुका है। इसके बाद दूसरा खंड नैनपुर से पलारी (36 किमी) रेलमार्ग कार्य को पूरा किया जाएगा।
नया लक्ष्य बनाया रेलवे ने
छिंदवाड़ा से जबलपुर तक सीधे ट्रेन सुविधा की राह देख रहे लोगों को अब संभवतः डेढ़ वर्ष इंतजार करना होगा। इस परियोजना को मार्च 2020 में पूरा करने का लक्ष्य बनाया गया था। अब मार्च 2021 का लक्ष्य बनाने की तैयारी है। गौरतलब है कि जबलपुर से नैनपुर तक रेलमार्ग का कार्य पूरा हो चुका है। इस रेलमार्ग पर ट्रेन का परिचालन भी किया जा रहा है। जबकि नैनपुर से छिंदवाड़ा तक गेज कन्वर्जन विभाग द्वारा चार खंडों में कार्य किया जा रहा है। इसमें पहला खंड छिंदवाड़ा से चौरई(लगभग 35 किमी), दूसरा खंड पलारी से नैनपुर(लगभग 36 किमी), तीसरा खंड सिवनी से पलारी(लगभग 35 किमी), चौथा खंड चौरई से सिवनी(लगभग 30 किमी) तक है। चारों ही खंड में रेलमार्ग का कार्य गेज कन्वर्जन विभाग द्वारा टेंडर प्रक्रिया से अगल-अलग निर्माण एजेंसी द्वारा कराया जा रहा है।
मजदूरों की कमी की वजह से पिछड़ा काम
मजदूरों की संख्या में कमी आई है। कोरोना वायरस एवं बारिश की वजह से कार्य की गति थोड़ी धीमी है। इसके बावजूद भी हमारा प्रयास है कि निर्धारित समय पर काम पूरा कर लिया जाए।
मनीष लावनकर, उप मुख्य अभियंता गेज कन्वर्जन विभाग