रेलवे की धीमी गति
भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग को सीआरएस दे चुके हैं हरी झंडी
पहले 6 माह दौड़ाई जाएगी मालगाड़ी फिर चलेगी पैसेंजर ट्रेन
फोटो- 5
पिछले माह हुआ था सीआरएस फाइल फोटो
छिंदवाड़ा। पिछले माह 22 अगस्त को छिंदवाड़ा-नागपुर ब्राडगेज परियोजना के चौथे खंड का सीआरएस किया गया। सीआरएस ने निरीक्षण के बाद इस रेलमार्ग पर ट्रेन दौड़ाने की अनुमति दे दी, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी अब तक इस रेलवे मार्ग पर मालगाड़ी नहीं दौड़ाई जा सकी है। कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी ने इस रेलमार्ग के निरीक्षण के दौरान कुछ खामियां भी पाई थीं, जिसे रेलवे को दुरुस्त करना है। जिसमें रेलवे जुट गया था। इस रेलमार्ग पर मालगाड़ी तकरीबन 6 माह दौड़ाई जाएगी तथा स्पीड भी कम होगी, जिसके बाद ही इस मार्ग पर पैसेंजर ट्रेन दौड़ाई जाएगी। जिस हिसाब से रेलवे मालगाड़ी का संचालन करने में जितना समय ले रहा है उससे यह तो साफ हो गया है कि इस मार्ग पर लोगों को सफर करने में काफी समय लगेगा। बताया जा रहा है कि मालगाड़ी दौड़ाने में लगातार देरी की जा रही है सीआरएस रिपोर्ट के बाद शेष कार्य व कागजी कार्रवाई को पूरा किया जा रहा है, ऐसे में अभी और समय लग सकता है।
लगातार लेट हो रही है परियोजना
पिछले 11 वर्षों से लोग छिंदवाड़ा-नागपुर ब्राडगेज परिेयोजना के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक का सफर तो ट्रेन से हो रहा है, लेकिन आगे नागपुर तक का सफर करने की उत्सुकता जिले के लोगों में काफी समय से बनी हुई है। इस परियोजना के पूर्ण हो जाने के बाद बहुत फायदा जिले के लोगों को होगा। नागपुर से रेलमार्ग जुड़ने से जिले का संपर्क महाराष्ट्र व अन्य राज्यों से होने से जिले में व्यापार की संभावनाएं बढ़ेंगी। महाराष्ट्र व उसके आगे के मार्गों से ट्रेन जिले से होकर गुजरेंगी। इस रेलमार्ग के शुरू होने से इटारसी की ओर से आने वाली ट्रेन छिंदवाड़ा होते हुए नागपुर जा सकेगी।