कोरोना हरतालिका तीज और गणेशोत्सव पर दिखा कोविड 19 का असर
फौटो 10
घर, घर विराजे लंबोदर,
दमुआ। महिलाओं ने गणगौर पूजन के साथ हरतालिका व्रत का संकल्प लिया तो दूसरी तरफ चौदह लोक में विचरण और तीन लोक पर राज करने वाले प्रथम पूज्य गणेश शनिवार भारत भूमि पर मेहमान बन कर आए। कोरोना की वजह से सार्वजनिक गणेश उत्सव पर प्रतिबंध का असर इस बार साफ नजर आया। प्रथम पूज्य के सेवकों ने भी उन्हें इस बार अपने अपने घरों पर ही निमंत्रण दिया और दस दिनों के लिए घर घर बुला लिया। बड़ी बड़ी कोठियों से लेकर झोपड़ियों तक विघ्न हर्ता भक्तों की सुध लेने पहुंचे। शनिवार को देश के अन्य हिस्सों की तरह क्षेत्र के घर घर में भी विघ्न विनाशक की प्रतिमाओं की स्थापना का दौर चलता रहा। गण नायक गणेश अपने हर उस भक्त के घर मेहमान बने जिसने उनसे विराजने की कामना की। शनिवार बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें अपने अपने ढंग से स्थापना स्थल घरों तक पहुंचाया। कोई उन्हें अपने सिर पर रखकर अपने घर ले जा रहा था तो कोई चौपहिया दुपहिया वाहनों से लेकर आया। हर वर्ष की तरह वह न?ारा आज गायब रहा जब बाल मंडलों से लेकर सार्वजानिक पंडालों की समितियों ने गजानन महाराज को बाजे गाजे के साथ नाचते और गणपति बाप्पा मोरया के घोष के साथ विराजित किया करते थे। गुड़ के मोदकों से छप्पन पकवानों तक का भोग उन्हें लगाया जाएगा। इस दौरान भजन भक्ति गीतों सहित अनेक धार्मिक आयोजन होंगे। अनन्त चतुर्दशी को भगवान भक्तो की कामनाएं पूरी कर अपने धाम के लिए विदा होंगे।
चतुर्थी के चलते दमुआ के मुख्य बाजार में चहल पहल रही। कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति जनजागरण के चलते इस बार भक्तो ने माटी की बनी प्रतिमाओ का महत्व समझा और स्थापना के लिए इन्हीं प्रतिमाओं को तरजीह भी दी, लेकिन सार्वजनिक स्थलों पर उत्सव की मनाही ने उत्सव के उत्साह को फीका कर दिया। इससे पहले बीते एक दो वर्ष प्लास्टर ऑ? पेरिस से बन कर तैयार मूर्तियो ने भारतीय मूर्तिकारों पर आजीविका का संकट लाने की कोशिश की थी इस बार कोरोना ने इस पेशे से जुड़े मूर्तिकारों पेंटर्स पर रोजी का संकट ला दिया ।प्रतिमाओ के चितेरे हरिराम मालवीय ने बताया कि बड़ी मूर्तियो की मांग झांकियों के लिए होती थी इसीलिए पीओपी से बनी मूर्तियों का ट्रेंड चल पड़ा था, लेकिन अब लोगों को उसके पर्यावरणीय और आस्था दोनों स्तरों पर महत्व समझ आ गया है इसलिये एक बार फिर माटी को तरजीह मिलने लगी।अधिकतर माटी के कलाकारों ने इस बार कोविड 19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए छोटी छोटी मूर्तियों के निर्माण पर ही फोकस किया।