बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आज कल सड़कों पर युवा जमकर वाहन दौड़ाते हुए मिल जाते हैं। दो पहिया वाहन हो या चार पहिया , युवा हर एक वाहन को अपनी मन मर्जी से चलाते दिख जाते हैं। अब यहां प्रश्न है कि कितने ऐसे युवा हैं जो लाइसेंस के साथ वाहन चला रहे हैं। खासतौर पर वो जो अभी बालिग हुए भी नहीं और वाहन चलाने लगे।
अब ऐसा करने वाले युवाओं के साथ साथ वाहन के मालिकों का भी संकट बढ़ गया है। अगर कोई ऐसा युवा पुलिस चैकिंग में पकड़ा जाता है जो नाबालिग है और बिना लाइसेंस के वाहन चला रहा है। ऐसे युवा से पहले वाहन के मालिक पर दंडात्मक कार्यवाही होगी।
इस बारे में कानून का क्या कहना है यह हमें अधिवक्ता हरि योगेंद्र भदौरिया ने बताया। उन्होंने ऐसे प्रकरणों में होने वाले जुर्माने से लेकर दस्तावेज रद्द करने की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परिजनों को अपने नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने नहीं देना चाहिए।
अधिवक्ता हरि योगेंद्र सिंह का कहना है कि उनके संज्ञान में कई ऐसे मामले आते हैं जिनमें नाबालिग युवाओं कें द्वारा यातायात के कानूनों का उल्लंघन किया जाता है। इसमें भी खास तौर पर युवा न तो दस्तावेजों के मामले में पक्के होते हैं और न ही यातायात के नियमों का पालन करते हैं। न तो दो पहिया वाहन पर हैलमेट का उपयोग करते हैं और न चार पहिया वाहन में सीटबैल्ट लगाते हैं। इसके अलावा मोटर व्हीकल एक्ट के कई ऐसे नियम हैं जिनका सरे आम उल्लंघन किया जाता है।
18 साल से कम आयु वाले युवाओं द्वारा वाहन चलाने पर सजा और जुर्माने के मुताबिक अभिभावक या फिर वाहन स्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सकता है। वहीं सजा की बात करें तो ऐसे मामलों में 25,000 रुपए तक का जुर्माना भी किया जा सकता है।
इसके अलावा एक वर्ष के लिए वाहन का पंजीयन भी रद्द किया जा सकता है। वहीं, जिस नाबालिग को वाहन चलाते पकड़ा गया है और उससे कोई अपराध हुआ है तो उसको 25 वर्ष की आयु तक लाइसेंस प्राप्त करने के लिए अपात्र घोषित किए जाने का भी प्रावधान है। पकड़े जाने पर मोटरवाहन यान अधिनियम की धारा 199 (क) के अनुसार कार्यवाही की जाती है।
अधिवक्ता भदौरिया का कहना है कि जिन मामलों में नाबालिग द्वारा वाहन का संचालन किया जाता है उसमें कई मामलों में वाहन मालिक को तीन साल तक की सजा का भी प्रावधान है।
दरअसल, 18 साल से कम आयु के बच्चे बिना ड्राइविंग लाइसेंस के और लापरवाही से गाड़ी चलाने पर दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में या तो उनको खुद को भारी नुकसान होता है या उनकी वजह से किसी के प्राणों पर बन आती है।
यातायात कानून में एक प्रावधान यह भी है जिसमें 18 वर्ष से पहले भी दो पहिया वाहन का लाइसेंस बनवाया जा सकता है । इसमें 17 साल पर भी वाहन चलाने के लिए लाइसेंस दिया जा सकता है लेकिन सिर्फ दो पहिया और बिना गियर के वाहन के लिए । यह लाइसेंस गियर वाले वाहनों के लिए और चार पहिया वाहनों के लिए मान्य नहीं होगा । जब वाहन चालक 18 वर्ष का हो जाएगा तो उसको स्थानीय परिवहन कार्यालय में आवेदन देकर अपना ड्राइविंग लाइसेंस अपडेट भी करवाना होगा । इसके बाद उसे लाइट मोटर व्हीकल चलाने के लिए पात्रता मिल जाएगी । इसके बाद वह दो पहिया और चार पहिया दोनों वाहनों का संचालन कर सकता है। लेकिन उससे पहले तक उसे सिर्फ बिना गियर वाले वाहन का संचालन ही करना होगा वह भी अधिक पावर वाला इंजन नहीं होना चाहिए ।