EPF Vs PPF : बिजनेस डेस्क, इंदौर। वर्तमान में निवेश के लिए कोई विकल्प मौजूद है, निवेशक शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों तरीके से निवेश करते हैं। शेयर मार्केट को निवेश के लिए जोखिम भरा माना जाता है, ऐसे में अधिकतम निवेशक सरकारी योजनाओं में निवेश करना अधिक पसंद करते हैं। यहां आपको बताते हैं EPF और PPF में से कौन सा विकल्प निवेश के लिहाज से बेहतर है।
EPF एक्ट के तहत रजिस्टर्ड कंपनियां में कार्यरत कर्मचारी ईपीएफओ के तहत निवेश कर सकते हैं इसमें कंपनी और कर्मचारी दोनों की ओर से राशि डाली जाती है। हाल ही में EPFO ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। 2022-23 में यह दर 8.15% थी, जिसे अब 8.25 प्रतिशत कर दिया गया है।
EPF में निवेश करने पर निवेशकों को धारा 80C के तहत टैक्स में छूट का लाभ मिलता है। इसमें निवेशकों को डेढ़ लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है।
ऐसे लोग जो नौकरी पैसा नहीं है और खुद का काम करते हैं उन लोगों के लिए सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ की शुरुआत की है। इसमें निवेशकों को 7.1 प्रतिशत तक का ब्याज दिया जाता है। पीपीएफ अकाउंट किसी भी बैंक अथवा पोस्ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है।
खास बात है कि इसमें कम से कम 500 रुपये भी निवेश किया जाता सकता है। इसके अलावा आप अधिकतम डेढ़ लाख रुपये तक भी निवेश कर सकते हैं। इस निवेश योजना में मैच्योरिटी पीरियड 15 सालों का है, लेकिन इमरजेंसी में आप इसमें से कुछ पैसा निकाल सकते हैं।