देश में छोटे-छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े-बड़े व्यापारियों के बीच अक्सर नगदी संकट देखने को मिलता है। इसी संकट से उबारने के लिए HDFC बैंक ने दुकानदारों के लिए एक नई योजना की शुरूआत की है। इस योजना के तहत कम से कम तीन साल से काम कर रहे रिटेलर किसी भी बैंक से 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट देकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। जी हां भारत के सबसे बड़े प्राइवेट लेंडर्स HDFC बैंक ने सरकार की ई-गर्वर्नेंस सर्विस डिलीवरी शाखा सीएससी एसपीवी के साथ साझेदारी में छोटे खुदरा विक्रेताओं के लिए एक ओवरड्राफ्ट सुविधा शुरू की है।
HDFC बैंक द्वारा ‘दुकानदार ओवरड्राफ्ट योजना’ का मुख्य उद्देश्य दुकानदारों और व्यापारियों को उनके नकदी संकट को कम करने में मदद करना है। इस योजना के लिए आवेदन करने वाले खुदरा विक्रेताओं से कोलैटरल सिक्योरिटी, बिजनेस फाइनेंशियल्स और इनकम टैक्स रिटर्न नहीं मांगेगा। इस योजना के तहत एचडीएफसी बैंक स्टेटमेंट्स के आधार पर मिनिमम 50,000 रूपए और मैक्सिमम 10 लाख रूपए तक की ओवरड्राफ्ट को मंजूरी देगा। चलिए जानते हैं कि एचडीएफसी बैंक की इस स्कीम के माध्यम से दुकानदारों को किस तरह से लाभ मिलेगा?
इस तरह से मिलेगा योजना का लाभ
योजना के क्रियान्वयन के समय बैंक ने अपने एक बयान में कहा कि ‘‘नई योजना छोटे व्यापारियों की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं। 6 साल से कम समय से चल रही दुकानों को बैंक स्टेटमेंट के आधार पर 7.5 लाख रूपए ओवरड्राफ्ट दिया जाएगा। वहीं 6 साल से ज्यादा समय से चल रही दुकानों को 10 लाख रूपए तक ओवरड्राफ्ट मिल सकेगा। यह योजना ग्रामीण स्तर के उद्यमियों के साथ-साथ 600 से अधिक ब्रांचेज और वर्चुअल रिलेशनशिप मैनेजमेंट सपोर्ट के लिए है। योजना के तहत 5 लाख रूपए और उससे अधिक की लोन राशि पर 0.40 फीसदी से 0.80 फीसदी का कमीशन मिलता है।
सिर्फ ये लोग ही उठा सकते हैं फायदा
अगर आप भी एचडीएफसी की इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास कम से कम 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट होना चाहिए। इसके अलावा केवल दुकान या बिजनेस के प्राॅपराइट ही ओवरड्राफ्ट की सुविधा का लाभ ले सकते हैं। इस बात का भी ध्यान रखें कि जो भी दुकानदार जिस भी बैंक का स्टेटमेंट उपलब्ध कराएगा वह उस बैंक का कम से कम 15 महीने से ग्राहक होना चािहए। जानकारी के लिए आपको बतादें कि एचडीएफसी बैंक इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत लोन के एक्सटेंशन के मामले में टाॅप बैंकों में शामिल है। इस योजना के तहत बैंक ने 31 दिसंबर 2020 तक लगभग 23,000 करोड़ रूपए का डिसबर्स किया था।