अगर आपने एक दशक पहले होम लोन के लिए आवेदन किया था, तो आपको याद होगा कि यह काम कितना मुश्किल था, आपको बैंकों के कितने चक्कर लगाने पड़े और कितना पेपरवर्क करना पड़ा। लेकिन आज के दौर में सब कुछ बेहद आसान हो गया है, आप एक बटन क्लिक करते ही सभी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं, तो क्या होम लोन को भी इंस्टेन्ट नहीं होना चाहिए?
होम लोन की प्रक्रिया हमेशा से मुश्किल रही है। ये लोन सिक्योर्ड होते हैं, यानि इस तरह का लोन लेने के लिए आपको कोई कोलेटरल नहीं देना होगा, लेकिन लोन देने वाला बैंक आपसे हर छोटा डीटेल लेता है। जैसे प्रॉपर्टी वैरिफिकेशन, इंकम असेसमेन्ट, पहचान पत्र आदि-इन सभी चीज़ों में समय लगता है। लेकिन क्या वास्तव में यह सब ज़रूरी है?
आज के दौर में जब डिजिटल फुटप्रिन्ट इतना बढ़ गया है और टेक्नोलॉजी के चलते सब कुछ आसान हो गया है, तो फिर भी होम लोन की प्रक्रिया फास्ट क्यों नहीं है? खासतौर पर अफॉर्डेबल कैटेगरी की बात करें तो ऐसा कोई कारण नहीं जिसकी वजह से इस प्रक्रिया में ज़्यादा समय लगे। टेक्नोलॉजी के द्वारा होम लोन को इंस्टेन्ट बनाया जा सकता है। तो आइए इस बात कों समझें कि होम लोन का अप्रूवल इंस्टेन्ट कैसे बनाया जा सकता है
डिजिटल डेटा का इंस्टेन्ट वैरिफिकेशन- आमतौर पर लोन लेने वाले व्यक्ति से कई बार फोन पर बात की जाती है, पेपरवर्क किया जाता है, व्यक्तिगत विज़िट किए जाते हैं। लेकिन आजकल ज़्यादातर जानकारी क्रेडिट ब्यूरो के ज़रिए ऑनलाईन उपलब्ध होती है। अतुल मोंगा- सीईओ एवं सह-संस्थापक, बेसिक होम लोन के अनुसार इंकम टैक्स डेटा एवं आधार लिंक्ड प्रोफाइल के माध्यम से बैंक इस जानकारी को एक्सेस कर सकते हैं। ऐसे में लोन देने वाले बैंकों के लिए प्रोसेसिंग आसान हो जाती है और इसे कम समय किया जा सकता है।
डॉक्यूमेन्ट कलेक्ट करना- यह होम लोन के ऐप्लीकेशन में सबसे मुश्किल काम है। लेकिन आज के डिजिटल दौर में लोन लेने वाला व्यक्ति तुरंत अपने डॉक्यूमेन्ट्स को अपलोड कर सकता है, जिसमें प्रिंटिंग, स्कैनिंग, या सिग्नेचर आदि की ज़रूरत नहीं होती। इस तरह यह प्रक्रिया आसान, सुरक्षित और पारदर्शी हो जाती है।
प्रॉपर्टी का स्मार्ट वैरिफिकेशनः पूरी से तैयार प्रॉपर्टी हो या जिसमें काम चल रहा हो, प्रॉपर्टी वैरिफिकेशन के लिए पूरा असेसमेन्ट करना पड़ता है। ज्योटैगिंग जैसे टूल्स के द्वारा यह सभी काम कहीं पर भी बैठकर किया जा सकता है। फिज़िकल विज़िट के बजाए वीडियो कॉल्स एवं डिजिटल विज़िट से भी यह काम आसान हो जाता है। यहां तक कि भरोसेमंद सोर्सेज़ के रियल टाईम डेटा से भी प्रॉपर्टी की कीमत का अनुमान लगाने में मदद मिलती है।
आने वाले समय में टियर-2 और टियर 3 शहरों के लोग भी आसानी से होम लोन के लिए आवेदन कर सकेंगे, अपने फोन से डॉक्यूमेन्ट्स अपलोड कर सकेंगे और एक ही दिन में अप्रूवल पा सकेंगे। ऐसा जल्द होने का अनुमान है। आज के दौर में आधुनिक तकनीकों एवं पॉलिसयों के चलते यह न्यू नॉर्मल बन गया है। अतुल मोंगा- सीईओ एवं सह-संस्थापक, बेसिक होम लोन के अनुसार इंस्टेन्ट होम लोन से न सिर्फ समय की बचत होती है, बल्कि ग्राहकों के लिए भी पूरी प्रक्रिया बेहद आसान हो जाती है। वे कम समय में अपने घर में मुव कर सकते हैं, साथ ही इससे रियल एस्टेट मार्केट को भी गति मिलती है। तो अगर हम इसे सही तरीके से अपनाएं तो आने वाली पीढ़ी के लिए होम लोन का अनुभव कहीं आसान हो जाएगा।