बिजनेस डेस्क, नईदुनिया। आम तौर पर लोग अपनी कमाई का एक हिस्सा निवेश में लगाकर सोचते हैं कि वे पूरी तरह सुरक्षित हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि सिर्फ निवेश करना ही काफी नहीं होता, बल्कि भविष्य में किसी भी आपात स्थिति- जैसे बीमारी, मृत्यु या दुर्घटना के लिए पूर्व तैयारी बेहद जरूरी है। आइए इस लेख के जरिए जानते हैं कि सिर्फ पैसे कमाना नहीं, बल्कि उन्हें सुरक्षित और सुव्यवस्थित रखना भी जरूरी है ताकि आपके जाने के बाद भी परिवार को कोई परेशानी न हो।
आपके पास कौन-सी संपत्तियां (जैसे घर, प्लॉट, गाड़ी, निवेश आदि) और कौन-सी देनदारियां (जैसे होम लोन, पर्सनल लोन) हैं। इसकी संपूर्ण जानकारी परिवार के विश्वसनीय सदस्य को दें।
मृत्यु के बाद संपत्ति विवाद को रोकने के लिए समय रहते वसीयत बनाना अत्यंत आवश्यक है। इसमें संपत्ति के बंटवारे, गार्जियनशिप और नॉमिनी की जानकारी स्पष्ट होनी चाहिए।
बैंक अकाउंट, UPI, इन्वेस्टमेंट ऐप्स और ईमेल आदि के पासवर्ड्स एक सुरक्षित डायरी या डिजिटल फाइल में नोट करें और उसका स्थान किसी भरोसेमंद व्यक्ति को बताएं।
एक अच्छी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी आपके परिवार को आपकी मृत्यु के बाद आर्थिक सुरक्षा देती है। साथ ही, एक व्यापक मेडिक्लेम पॉलिसी महंगे इलाज के खर्च से बचाती है।
बैंक, बीमा, FD, म्यूचुअल फंड्स आदि में सही नॉमिनी का नाम दर्ज होना जरूरी है ताकि बाद में कानूनी झंझट न हो।
पैन, आधार, बीमा पॉलिसी, प्रॉपर्टी पेपर्स आदि को एक फाइल में रखें या स्कैन करके क्लाउड में सुरक्षित करें। इससे जरूरत के समय ये जल्दी मिल सकें।
NPS, PPF, SIP और म्यूचुअल फंड्स में निवेश करके अपने रिटायरमेंट के बाद की स्थायी आय सुनिश्चित करें।
अगर आपने किसी फाइनेंशियल एडवाइजर या CA से प्लानिंग करवाई है, तो उनकी डिटेल्स परिवार को जरूर बताएं ताकि इमरजेंसी में उनसे संपर्क किया जा सके।
कम से कम 6 महीने के खर्च के बराबर राशि एक अलग बैंक खाते में रखें जिसे सिर्फ आपात स्थिति में उपयोग किया जाए।