बिजनेस डेस्क। भारत के निर्यात पर अमेरिका के 50% टैरिफ ठोके जाने के बाद से इकॉनमी पर इसके असर को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं। भारत सरकार इसे एक गंभीर चुनौती भी मानती है, इसलिए इससे होने वाले नुकसान से निपटने के लिए हर जतन किया जा रहा है।
अब फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने इस पर साफ कहा है कि मौजूदा ग्लोबल ड्रामा का इंडिया की GDP ग्रोथ पर लिमिटेड इफेक्ट होगा। उनके मुताबिक 8% ग्रोथ ही वह स्पीड है, जो हमें "डेवलप्ड इंडिया 2047" तक पहुंचाएगी। सरकार इसे अचीव करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
सीतारमण ने कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में कहा कि अगर हमें डेवलप्ड नेशन बनना है, तो कम से कम 8% की ग्रोथ चाहिए। उन्होंने मान लिया कि दुनिया भर में भू-राजनीतिक टेंशन, टैरिफ वॉर और ट्रेड डिसरप्शन का दौर है, लेकिन इंडिया की इकॉनमी शॉक्स झेलने के लिए काफी रेजिलिएंट है। यह हमारा दौर है। हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचने से कोई रोक नहीं सकता है।
फाइनेंस मिनिस्टर ने साफ बोला कि ये सिर्फ टेम्पररी प्रॉब्लम्स नहीं हैं। एक स्ट्रक्चरल चेंज हैं। टैरिफ, सैंक्शंस और ट्रेड शिफ्टिंग से ग्लोबल सप्लाई चेन री-शेप हो रही है, लेकिन इंडिया घरेलू रिफॉर्म्स और स्ट्रॉन्ग ट्रेड पार्टनरशिप्स से बैलेंस बनाकर आगे बढ़ सकता है।
अगर शॉर्ट में कहें, तो फाइनेंस मिनिस्टर का मैसेज यही है कि 8% ग्रोथ तो करनी ही होगी, चाहे ग्लोबल टेंशन कितना भी हाई क्यों न हो। इंडिया का गोल क्लियर है कि 2047 तक डेवलप्ड नेशन बनना और सेल्फ-रिलायंट रहना है।