बिजनेस डेस्क, इंदौर। त्योहारी सीजन की आहट के साथ ही बाजार में पारंपरिक रौनक लौट आई है। हालांकि सोने के दाम तेजी से बढ़ते हुए लोगों की जेब पर असर डाल रहे हैं, लेकिन कम कैरेट वाले हालमार्क गहनों की बढ़ती उपलब्धता इस बार खरीदारों को राहत दे सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सीजन में 22 कैरेट के बजाय 18 और 14 कैरेट के गहनों की बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
पिछले कुछ वर्षों तक 22 कैरेट (916) गहनों का ही बाजार में दबदबा था, लेकिन अब 18 कैरेट (750) और 14 कैरेट (585) गहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। जुलाई में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने एक नई श्रेणी 9 कैरेट (375) को भी मान्यता दी है। हालांकि 9 कैरेट के गहने फिलहाल बाजार में नहीं आए हैं। इस साल इनके लोकप्रिय होने की संभावना कम है।
इंदौर चांदी-सोना-जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकम सोनी ने कहा कि दीपावली तक सोने के दाम सवा लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकते हैं। ऐसे में आम खरीदार बजट को ध्यान में रखते हुए 18 और 14 कैरेट के गहनों की ओर रुख करेंगे। इससे बजट में राहत मिलेगी। पारंपरिक खरीदारी की आदत भी बनी रहेगी।
सरकार ने हालमार्किंग के दायरे को बढ़ाकर गहनों की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित की है। अब 22, 18, 14 और 9 कैरेट सभी में आधिकारिक मार्किंग मिलेगी, जिससे ग्राहक न केवल कीमत के अनुसार गहने खरीद पाएंगे बल्कि उनकी शुद्धता पर भी भरोसा कर सकेंगे।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि 9 कैरेट गहनों की शुरुआत फैशन ज्वैलरी से होगी, जिसमें सोने की मात्रा मात्र 37.5% होती है। यह श्रेणी अगले वर्ष तक धीरे-धीरे ग्राहकों के बीच अपनी जगह बना सकती है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो हल्के और डिज़ाइनर गहनों की तलाश में रहते हैं।