
बिजनेस डेस्क। सोने की रिकॉर्ड तोड़ कीमतों ने निवेशकों को आकर्षित किया है। इसने उनके लिए कमाई के नए रास्ते खोल दिए हैं। सोना खरीदकर तिजोरी में रखने की परंपरा रही है, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब धनी निवेशक और बड़े फंड गोल्ड लीजिंग के जरिए सालाना 1 से 7 फीसदी तक की अतिरिक्त आय कमा रहे हैं।
खाली पड़े गोल्ड बार, ज्वेलरी या डिजिटल गोल्ड को लीज पर देकर निवेशक अब एक बेहतर पैसिव इनकम मॉडल बना रहे हैं। बढ़ती मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गोल्ड की कमी ने इस ट्रेंड को और लोकप्रिय कर दिया है।
गोल्ड लीजिंग एक प्रक्रिया है, जिसमें सोने का मालिक अपना गोल्ड जौहरियों, रिफाइनर्स या वित्तीय संस्थानों को एक तय समय के लिए उधार देता है। बदले में निवेशक को ब्याज, गोल्ड या कैश के रूप में रिटर्न मिलता है। इस दौरान सोने का वास्तविक मालिकाना हक निवेशक के पास ही रहता है। आमतौर पर 1–2% वार्षिक रिटर्न मिलता है, लेकिन मांग बढ़ने पर यह 5–6% या उससे अधिक तक भी पहुंच सकता है।
गोल्ड लीजिंग का बड़ा हिस्सा अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म्स जैसे London OTC, LBMA और COMEX पर चलता है, जहां बड़े स्तर पर गोल्ड लेंडिंग और ट्रेडिंग होती है। अब भारत में भी यह चलन बढ़ रहा है। कई जौहरी और रिफाइनरी गोल्ड लीजिंग का उपयोग कर रहे हैं। RSBL और Gullak जैसे डिजिटल गोल्ड प्लेटफॉर्म और बैंकों की Gold Monetisation Scheme (GMS) के जरिए निवेशक अपना सोना लीज पर देकर आय कमा सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सिर्फ एक सूचना है। यहां बताना आवश्यक है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। नईदुनिया किसी को भी पैसा लगाने की कभी भी सलाह नहीं देता है।