बिजनेस डेस्क, इंदौर। सड़क हादसों में मौत की खबरें आती रहती हैं। हादसे में जान गंवाने वालों के परिवार पूरी तरह से टूट जाते हैं। हम अक्सर देखते हैं कि दुर्घटना के बाद चालक वाहन लेकर भाग जाते हैं, जिससे उन तक पहुंच पाना भी बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसे में सरकार का पीड़ित परिवार तक मुआवजा पहुंचाना संभव नहीं हो पाता है।
सरकार हिट एंड रन मामलों के लिए "हिट एंड रन मोटर वाहन दुर्घटना मुआवजा योजना 2022" लेकर आई है, जिससे पीड़ित परिवारों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। इस योजना के तहत पीड़ित परिवार को मौत की स्थिति में 2 लाख रुपये और गंभीर चोट पर 50,000 रुपये तक मुआवजा दिया जाता है।
अज्ञात वाहन किसी व्यक्ति को टक्कर मारकर भाग जाता है। इस दौरान पीड़ित की मौत हो जाती है या उसे गंभीर चोट लगती है। इस दौरान फरार चालक हिरासत में आ नही पाता, तो इसे हिट एंड रन केस माना जाता है। एक्सीडेंट के बाद वाहन की पहचान होने पर योजना लागू नहीं सकेगी। पीड़ित को MACT (Motor Accident Claims Tribunal) में क्लेम करना होता है।
पीड़ित या मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी को फॉर्म-I भरकर तहसीलदार/एसडीओ को जमा करना पड़ता है।
क्लेम जांच अधिकारी (CEO) 1 महीने में फॉर्म-II में रिपोर्ट तैयार कर जमा कर देता है।
क्लेम सेटलमेंट कमिश्नर (CSC) 15 दिनों में फाइनल ऑर्डर फॉर्म-III में पास कर देता है।
ऑर्डर मिलने के बाद जनरल इंस्योरेंस कॉउसिंल 15 दिनों के भीतर दावेदार के खाते में ई-पेमेंट कर देता है।