आज के दौर में होम लोन लेने वाले ग्राहकों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। हालांकि टेक्नोलॉजी ने इन मुश्किलों को आसान बना दिया है, इसी विषय पर हमने बात की। आइए देखें इस बातचीत के कुछ अंश-
डिजिटल लोन सेगमेन्ट की बात करें, तो इसमें भरोसा और पारदर्शिता बनाने के लिए टेक्नोलॉजी किस तरह कारगर हो सकती है?
एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए भरोसा सबसे ज़्यादा मायने रखता है और इसमें टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आज के दौर में ग्राहक चाहते हैं कि लोन देने वाला बैंक स्पष्ट और तुरंत रिस्पॉन्स करे। टेक्नोलॉजी -पारदर्शी इंटरफेस, सुरक्षित डेटा हैंडलिंग एवं नियमों के अनुपालन द्वारा इसे आसान बना देती है। भारत में डिजिटल अडॉप्शन तेज़ी से बढ़ रहा है, ऐसे में टेक्नोलॉजी भरोसे की कमी को दूर करने और लोन सुविधाओं को सभी की पहुंच में लाने में कारगर हो सकती है।
होम फाइनैंस की बात करें तो ग्राहकों को किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
आज के ग्राहकों को होम लोन लेने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सबसे बड़ी समस्या है एक्सेसेबिलिटी, क्योंकि हर किसी के पास ऑनलाईन ऐप्लीकेशन के लिए भरोसेमंद इंटरनेट या डिजिटल टूल्स नहीं होते। आज भी कई लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए लोन के विकल्पों के बीच तुलना नहीं कर पाते।
इसके अलावा बैंक अक्सर स्टैण्डर्ड लोन प्रोडक्ट्स हा उपलब्ध कराते हैं, जो हर व्यक्ति की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं होते। ऐसे में डिजिटल तरीकों के कई फायदे होने के बावजूद बहुत से लोग पारम्परिक तरीकों से ही लोन लेना पसंद करते हैं।
भ्वउ.प जैसे प्लेटफॉर्म्स ने ग्राहकों की इन मुश्किलों को समझा है कि ऑटोमेशन के कारण ग्राहकों को व्यक्तिगत सहयोग एवं मार्गदर्शन नहीं मिल पाता, इसीलिए यह प्लेटफॉर्म टेक्नोलॉजी एवं व्यक्तिगत सेवाओं के बीच तालमेल बनाने पर ध्यान देता है।
बहुत से ग्राहकों के लिए होम लोन लेना आसान नहीं होता, ऐसे में HOM-i किस तरह उन्हें सहयोग प्रदान करता है। खासतौर पर टियर-2 और टियर-3 शहरों में जहां डिजिटल अडॉप्शन धीरे-धीरे बढ़ रहा है?
हमने इसी समस्या को हल करने पर ध्यान दिया है। ग्राहकों, खासतौर पर टियर-2 और टियर-3 शहरों में पहली बार घर खरीदने वाले ग्राहकों के लिए होम लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
HOM-i हिंदी, अंग्रेज़ी और यहां तक कि हिंग्लिश में भी बात करता है। जल्द ही हम इसे तमिल, तेलुगु, बंगाली और मराठी सहित कई क्षेत्रीय भाषाओं में भी लॉन्च करने जा रहे हैं।
यूज़र वॉइस, टेक्स्ट या वीडियो के ज़रिए HOM-i के साथ इंटरैक्ट कर सकते हैं, आपको ऐसा लगेगा जैसे आप किसी व्यक्ति से बात कर रहे हैं और वह आपको ज़रूरी सलाह दे रहा है। इसे पिछली बातचीत भी याद रहती है, इसलिए ग्राहक को बार-बार दोहराने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
हमने HOM-i को मनुष्य की तरह सहज, सरल और सुलभ बनाने की कोशिश की है ताकि पहली बार घर खरीदने वाले ग्राहकों को भी ज़रूरी सहयोग मिले, फिर चाहे वह किसी छोटे शहर से ही क्यों न हो। उनकी एलिजिबिलिटी के आधार पर उन्हें 24 घण्टे के अंदर अप्रूवल मिल जाता है।
वीडियो या ऑडियो चैट के ज़रिए एआई प्लेटफॉर्म पर बात करने वाले यूज़र की डेटा सुरक्षा और गोपनीयता का ख्याल आप कैसे रखते हैं?
हम डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के साथ कोई समझौता नहीं करते। सभी इंटरैक्शन चाहे टेक्स्ट हो, वॉइस या वीडियो, एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड होते हैं। हम आरबीआई और जीडीपीआर के सभी नियमों का पालन करते हैं। मल्टी-टियर ऑथेन्टिकेशन, सिक्योर एपीआई और नियमित सिक्योरिटी ऑडिट पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित बना देते हैं। ऑडियो और वीडियो डेटा को डोमेन-स्पेसिफिक एक्सेस प्रोटोकॉल से प्रोसेस किया जाता है, ताकि ऑथोराइज़्ड यूज़र ही इसके साथ इंटरैक्ट कर सकें।
HOM-i किस तरह भारत के मार्केट में बेसिक होम लोन की विस्तार योजनाओं में योगदान दे रहा है।
HOM-i हमारा पैमाना बढ़ाने में मदद कर रहा है, खासतौर पर टियर-2 और टियर-3 मार्केट्स में। कई भाषाओं के साथ वॉइस एवं वीडियो इनेबल्ड इंटरफेस डिजिटल अंतराल को दूर करते हैं, जिससे ज़्यादा से ज़्यादा खरीददारों के लिए होम लोन लेना आसान हो जाता है। HOM-i ने ग्राहकों के लिए फैसला लेने की प्रक्रिया को आसान बनाया है, जिससे ड्रॉप-ऑफ की दर कम हुई है और कन्वर्जन रेट में सुधार आया है।
इस तरह के ऑटोमेशन और पर्सनलाइजे़शन के साथ हमारी टीम ज़्यादा वॉल्युम को हैण्डल कर पाती है, जिससे शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में हमारी पहुंच बढ़ती है। इस तरह हम भारत के सबसे भरोसेमंद मॉर्गेज प्लेटफॉर्म बनने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं।