बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आर्थिक रूप से मजबूत भविष्य की नींव एक अच्छे Cibil Score या क्रेडिट स्कोर पर टिकी होती है। लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते समय बैंकों और वित्तीय संस्थानों की पहली नजर आपके स्कोर पर जाती है। खराब सिबिल स्कोर न केवल लोन की स्वीकृति में बाधा बन सकता है, बल्कि ब्याज दरें भी बढ़ा सकता है। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते स्कोर को बेहतर किया जाए।
हर महीने अपने क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर और पूरा चुकाएं। इससे न सिर्फ आपका स्कोर सुधरता है, बल्कि लेट फीस और पेनल्टी से भी बचा जा सकता है।
कम समय में बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने से आपकी क्रेडिट प्रोफाइल पर बुरा असर पड़ता है। यह आपकी छवि "क्रेडिट हंगर" वाली बना सकती है, जिससे स्कोर गिरता है।
अपनी क्रेडिट लिमिट का अधिकतम 30% खर्च करना आदर्श माना जाता है। इससे यह संकेत मिलता है कि आप जिम्मेदारी से क्रेडिट का उपयोग करते हैं।
होम लोन या कार लोन (सिक्योर्ड) और पर्सनल या क्रेडिट कार्ड लोन (अनसिक्योर्ड) के बीच संतुलन बनाए रखें। इससे क्रेडिट मिक्स संतुलित रहता है और स्कोर बेहतर होता है।
अगर आप किसी के साथ जॉइंट लोन में हैं, तो समय पर भुगतान जरूरी है। डिफॉल्ट करने से दोनों का क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है।