बिजनेस डेस्क, इंदौर। आइसीआइसीआइ बैंक ने मेट्रो और शहरी क्षेत्रों के ग्राहकों द्वारा एक अगस्त या उसके बाद खोले जाने वाले नए बचत खातों के लिए न्यूनतम शेष राशि की अनिवार्यता पांच गुना बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी है। इससे बहले बैंक के ग्राहकों के लिए 31 जुलाई 2025 तक बचत बैंक खातों में न्यूनतम मासिक औसत शेष राशि 10 हजार रुपये थी।
बैंक की वेबसाइट के अनुसार अर्ध शहरी इलाकों में यह सीमा 5 हजार रुपये की तुलना में 25 हजार रुपये है व ग्रामीण इलाकों में 2 हजार 500 रुपये से बढ़कर 10 हजार रुपये कर दी गई है। अगर खाताधारक तय एमएबी नहीं रख पाते हैं, तो उन्हें कमी की राशि का छह प्रतिशत या 500 रुपये जुर्माने के रूप में देना होगा। बचत खाते में जमा रकम पर सालाना 2.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा।
यह नये नियम सिर्फ एक अगस्त 2025 के बाद खोले गए खातों पर लागू होगा। पुराने खाताधारकों के लिए फिलहाल पुरानी राशि सीमा ही लागू रहेगी। सैलरी अकाउंट, जनधन खाते और बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट धारकों को इस नियम से छूट मिलेगी, क्योंकि ये जीरों बैलेंस खाते हैं। जिन ग्राहकों के खाते में तय सीमा से ज्यादा राशि होगी, उन्हें कुछ खास सुविधाएं मिलेंगी।
एमएबी में यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है, जब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने जुर्माने को या तो तर्कसंगत बना है या पूरी तरह से माफ कर दिया है। देश के बसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक के साथ ही पीएनबी, केनरा बैंक जैसे अन्य ऋणदाताओं ने भी बचत खाते में एमएबी बनाने में विफल रहने पर दंडात्मक शुल्क माफ कर दिया है।