
बिजनेस डेस्क। देश में डिजिटल भुगतान के बढ़ते चलन का असर अब बैंकिंग ढांचे पर साफ दिखाई देने लगा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल लेनदेन में तेजी के चलते देशभर में एटीएम की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं दूसरी ओर, बैंक शाखाओं की संख्या में इजाफा हुआ है, जो यह दर्शाता है कि बैंक अब भी फिजिकल मौजूदगी को पूरी तरह खत्म नहीं कर रहे हैं।
आरबीआई की ‘ट्रेंड एंड प्रोग्रेस ऑफ बैंकिंग इन इंडिया’ रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2025 तक देश में कुल 2,51,057 एटीएम मशीनें थीं। जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के अंत तक यह संख्या 2,53,417 थी। यानी एक साल में देशभर में 2,360 एटीएम कम हो गए। रिपोर्ट बताती है कि डिजिटल भुगतान विकल्पों की उपलब्धता और लोकप्रियता के कारण एटीएम के उपयोग में गिरावट आई है, जिसका सीधा असर इनके नेटवर्क पर पड़ा है।
डिजिटल बैंकिंग के विस्तार के बावजूद बैंक नई शाखाएं खोलने से पीछे नहीं हटे हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में बैंक शाखाओं की संख्या में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। 31 मार्च 2025 तक देश में कुल 1.64 लाख बैंक शाखाएं कार्यरत थीं। हालांकि नई शाखाएं खोलने में निजी बैंकों की हिस्सेदारी घटकर 51.8 प्रतिशत रह गई, जो 2023-24 में 67.3 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट के अनुसार, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के दोनों ही बैंकों ने अपने एटीएम नेटवर्क में कटौती की है। निजी बैंकों के एटीएम 79,884 से घटकर 77,117 रह गए, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एटीएम की संख्या 1,34,694 से घटकर 1,33,544 हो गई। यह कमी मुख्य रूप से ऑफसाइट एटीएम बंद होने के कारण आई है।
हालांकि एक सकारात्मक रुझान यह भी है कि व्हाइट लेबल एटीएम की संख्या में इजाफा हुआ है। यह संख्या 34,602 से बढ़कर 36,216 हो गई है। यह दर्शाता है कि बैंकिंग सेवाओं की पहुंच बनाए रखने के लिए वैकल्पिक मॉडल तेजी से अपनाए जा रहे हैं।